मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की मुश्किलें बढ़ सकती है। दरअसल जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया में बच्चों के साथ क्रूरता का वीडियो किया था। जिसमे जीतू पटवारी ने लिखा कि भाजपा नफरत का नंगा नाच फैला रही है। जबकि सोशल मीडिया में पीड़ित बच्चो की पहचान उजागर करना अपराध है , क्योंकि भारतीय कानून में बच्चों को पूरी तरह से प्रोटेक्ट किया गया है, पीड़ित बच्चों या अपराधिक गतिविधियों में शामिल बच्चों दोनों की ही पहचान प्रगट करने का किसी को अधिकार नहीं है। जेजे एक्ट 2015 और पोसको एक्ट 2012 के तहत ऐसे बच्चों की पहचान को प्रगट होने से सख्ती से रोका गया है।
आपको बता दें इस वीडियो में पांचों बच्चे एक ही रस्सी से बंधे हैं। बच्चे चीख.चीखकर रो रहे हैं। युवक से छोड़ देने की गुहार लगा रहे हैं। आसपास काफी भीड़ हैए जो बच्चों को छोड़ देने की बात युवक से कह रही है। लेकिन युवक किसी की नहीं सुन रहा हैए बच्चों को पीट रहा है।
वहीं जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 74 के तहत और पोसको एक्ट की धारा 23 (2) के अनुसार अपराध से पीड़ित या अपराध करने वाले बच्चे का नाम, चित्र, माता-पिता का नाम, पता या स्कूल या कोई भी और विवरण जिससे उसकी पहचान सार्वजनिक होती हो किसी भी संचार साधन या किसी भी प्रकार से प्रगट करना कानूनी अपराध है। इसकी उल्लंघना करने वाले को 6 महीने की कैद हो सकती है या दो लाख रुपए जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।