हाल ही में पांच राज्यों की स्टेटस रिपोर्ट’ शीर्षक से एक स्टडी जारी की गई है. इस स्टडी ने मध्यप्रदेश को लेकर काफी चिंता बढ़ा दी है. रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 के जनवरी से जुलाई के बीच मध्यप्रदेश से करीब 5446 बच्चे गायब हुए हैं. आज यानी अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस के मौके पर क्राय ने यह रिपोर्ट जारी करते हुए यह भी कहा कि “80% फीसदी मामलों में गुमशुदा होने वाले बच्चों में लड़कियां रहीं. एक और फैक्ट चिंताजनक है कि जिन पांच उत्तरी राज्यों को लेकर यह रिपोर्ट तैयार की गई, सबसे खराब आंकड़े एमपी के मिले.”
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस रिपोर्ट को एनसीआरबी की वार्षिक रिपोर्ट, आरटीआई और पुलिस विभाग व सरकार से मिली जानकारियों के आधार पर बनाया गया है. कोरोना काल में लॉकडाउन में बच्चों के गुमशुदा होने की जानकारी बताने वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच राज्यों में जनवरी से जुलाई 20 के बीच कुल 9453 केस सामने आए, जिनमें से 57% गुमशुदगी मामले मध्य प्रदेश में ही दिखे यानी 4371 बच्चे गायब हुए.
एमपी और देश के आंकड़े व उनके विश्लेषण से पहले टीआईएसएस में फैकल्टी डॉ. महुआ निगुड़कर की बात सुनिए : ‘महामारी के चलते स्कूल छोड़ने वाले बच्चों, बाल विवाहों, अनाथ बच्चों की संख्या के साथ ही चाइल्ड ट्रैफिकिंग के मामले भी बढ़े. लापता बच्चों के बारे में और ज़्यादा मुस्तैदी और त्वरित एक्शन की ज़रूरत महसूस की गई.’