MP Board Exam 2024: 10वीं-12वीं बोर्ड एग्जाम में परीक्षार्थियों को मिलेगी सिर्फ एक आंसर शीट, यहां जानें एडवाइजरी

Deepak Meena
Published on:

MP Board Exam 2024 : 5 फरवरी से मध्य प्रदेश बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा शुरू होने जा रहे है, ऐसे में बोर्ड परीक्षा को लेकर कुछ नए अपडेट भी सामने आए हैं, जिन्हे परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को जानना जरुरी है। दरअसल, बड़ा अपडेट यह है कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में परीक्षार्थियों को 32 पेज की आंसर शीट दी जाएगी।

मलतब की अब परीक्षार्थियों को इसी में पूरा पेपर सॉल्व करना होगा। परीक्षा में सप्लीमेंट्री कॉपी देने का कोई प्रावधान नहीं है। मध्य प्रदेश बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा 5 फरवरी से 28 फरवरी और 6 फरवरी से 4 मार्च तक आयोजित की जाएंगी। इन परीक्षाओं के दौरान एस्मा एक्ट लागू किया गया है। इस एक्ट के तहत बोर्ड परीक्षा के दौरान सभी शिक्षकों को धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी।

परीक्षार्थियों को आंसर शीट में ओएमआर शीट को काले या नीले रंग के बॉल पेन से तय जगह पर रोल नंबर और अन्य जानकारी पर गोला लगानी होगा। कॉपी में रोल नंबर छिपाने के लिए किसी भी तरह के स्टीकर का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।

परीक्षा केंद्रों पर लोहे की पेटी रखने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत अगर किसी परीक्षार्थी के पास नकल सामग्री है, जिसमें गाइड, चिट आदि शामिल है तो उसमें डाल सकेंगे। इस पेटी पर यह भी स्पष्ट रूप से लिखा जाएगा कि यह पेटी स्वेच्छा से नकल सामग्री परीक्षा कक्ष में प्रवेश लेने के पहले जमा करने के उद्देश्य से रखी गई है। इसके बावजूद अगर परीक्षा कक्ष के भीतर किसी छात्र के पास कोई नकल सामग्री मिलती है, तो उस पर मामला दर्ज होगा। वह उस पेपर की परीक्षा भी नहीं दे सकेगा।

परीक्षा केंद्र में प्रवेश-निकास यानी एंट्री और एग्जिट का एक ही गेट होगा। सुरक्षा के लिहाज से ऐसा किया जाएगा। मेन गेट पर भी परीक्षार्थियों की तलाशी ली जाएगी। इसी के साथ परीक्षा केंद्र में जो स्टाफ तैनात रहेगा उसके लिए भी आईकार्ड जारी किए जाएंगे। परीक्षा के दौरान सभी को आईकार्ड लगाना अनिवार्य होगा।

केंद्राध्यक्ष को यह तय करना होगा कि उनके स्कूल में परीक्षार्थियों को अन्य स्कूलों के परीक्षार्थियों के साथ मिश्रित कर ही बैठाया जाए। संबंधित स्कूल में कार्यरत कोई भी शिक्षक पर्यवेक्षक की ड्यूटी नहीं कर सकेगा। इसी के साथ उन स्कूलों के शिक्षक भी पर्यवेक्षक की ड्यूटी नहीं करेंगे, जहां के विद्यार्थी संबंधित स्कूल में परीक्षा देंगे। बैठक व्यवस्था 20-40-60 के मान से की जाएगी। छात्रों के आगे-पीछे और आजू-बाजू अलग-अलग सेट के पेपर बांटे जाएंगे।