लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश सरकार का आज से दूसरा सत्र प्रारंभ हो चुका है। है। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई। जहां विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया है । जिससे सदन की कार्यवाही को रोक दिया गया है। इस बजट सत्र में मोहन सरकार का बजट पेश हो सकता है। हालांकि यह अंतरिम बजट होगा क्योकि आगामी 2 महीने बाद लोकसभा का चुनाव होना हैं प्रदेश सरकार का पूर्ण बजट जुलाई माह में पेश होना है। वहीं हरदा में हुए ब्लास्ट के मामले पर विपक्ष सरकार को घेर सकती है।
सत्र के प्रारंभ होने के बाद से ही कांग्रेस विधायकों ने भाजपा के संकल्प पत्र की प्रतियां सदन में लहराई और राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान नारेबाजी शुरू कर दी। विधायकों ने सरकार पर जनता से धोखेबाजी का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि अभिभाषण में न तो धान की खरीदी 3100 रुपए प्रति क्विंटल करने का उल्लेख है न ही गेहूं का मूल्य 2700 रुपए देने की बात है। 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर देने का भी उल्लेख नहीं है। नारेबाजी करते हुए कांग्रेस के सदस्य सदन के बाहर निकल गए।
इस बजट सत्र में शासकीय कार्य सहित प्रश्नकाल होगा। विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार की घेराबंदी के लिए सवालों की झड़ी लगा दी है। जानकारी के मुताबिक विधानसभा सचिवालय तक 2303 सवाल पहुंचे हैं। सत्र से पहले पीसीसी में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में पूर्व सीएम कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित कांग्रेस के विधायक शामिल हुए। जो हरदा में हुए हादसे के मद्दे पर घेरा जा सकता है।
आपको बता दें बजट सत्र के लिए विधायकों ने 2303 सवाल पूछे है। सवालों की संख्या की बात करें तो 1340 ऑनलाइन सवाल होगेें तो वहीं 963 ऑफलाइन होगें। इस दौरान विपक्ष की ओर से जीतू पटवारी कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेर सकतें है।बता दे प्रदेश का गृह विभाग सीएम मोहन यादव के पास ही है। इसलिए कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी भी उनकी है। विधायकों ने कानून व्यवस्था, राज्य में बढ़ते अपराधों के साथ राज्य सरकार में भ्रष्टाचार, किसान, युवाओं, महिलाओं से जुड़े सवाल ज्यादा पूछे हैं।