इंदौर: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के परिसर में आज स्कूल ऑफ सोशल साइंस बैच 2022 का दीक्षारंभ समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर मनीष सिंह समारोह के मुख्य अतिथि तथा एडीसीपी मनीषा सक्सेना विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समारोह में कुलपति रेणु जैन, स्कूल ऑफ सोशल साइंस की एचओडी रेखा आचार्य, प्रधायपकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। दीक्षारंभ समारोह में छात्रों को उनके जीवन में शामिल करने के लिए महत्वपूर्ण मूल्यों, क्या करें और क्या ना करें, पाठ्यक्रम, नई शिक्षा नीति आदि विषयों के बारे में जरूरी जानकारी दी गई। इस दौरान जिला प्रशासन एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के मध्य स्टूडेंट-पुलिस कैडेट योजना के संबंध में महत्वपूर्ण एमओयू भी साइन किया गया।
नशीले पदार्थों से रहे दूर, सोशल मीडिया का करें सही उपयोग
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि जब युवा वर्ग नशे की गर्द में घुस जाता है तो उसका सबसे ज्यादा असर उसके माता-पिता एवं समाज पर पड़ता है। इसलिए युवाओं को नशीले पदार्थों के सेवन से परहेज करना चाहिए और अपने अन्य साथियों को भी इसका सेवन करने से रोकना चाहिए। इसी तरह सोशल मीडिया का उपयोग भी पूरी एहतियात के साथ करना चाहिए। डिजिटल मीडिया में कोई भी ऐसी चीज शेयर ना करें जिससे आगे चलकर आपको दिक्कत आए। विशेष तौर पर महिलाओं को इस बात का अनिवार्य रूप से ध्यान रखना चाहिए कि वे साइबर क्राइम के प्रति सजग एवं सतर्क रहें।
उन्होंने कहा कि हमारे युवा वर्ग को अपने पूरे विवेक के साथ सही और गलत का निर्णय लेना आना चाहिए। जब भी मन असमंजस में हो तब अंतरात्मा की आवाज को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि कोई भी विपरीत स्थिति आने पर प्रशासन एवं पुलिस उनके साथ है इसलिए युवाओं को डरने की जरूरत नहीं है। कलेक्टर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों ने यातायात जागरूकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उन्हें पूर्ण विश्वास है कि स्टूडेंट-पुलिस कैडेट योजना के प्रति जन जागृति तथा मास्टर ट्रेनर के रूप में भी विश्व विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा हर संभव सहभागिता निभाई जाएगी।
जिले के 19 शासकीय विद्यालयों में संचालित हो रही है स्टूडेंट-पुलिस कैडेट योजना
एडीसीपी मनीषा पाठक ने कहा कि स्टूडेंट-पुलिस कैडेट योजना 8वीं एवं 9वीं के छात्रों को टारगेट कर उन्हें आवश्यक काउंसलिंग प्रदान करने में सहायक होती है। पूर्व में भी इस योजना के तहत स्टूडेंट द्वारा दी गई सूचना पर पुलिस द्वारा तत्काल कार्रवाई की गई है जिससे अन्य बच्चों में भी प्रशासन एवं पुलिस के प्रति विश्वास का भाव बढ़ा है। उन्होंने बताया कि स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना केंद्र सरकार की योजना है, इसे अभी जिले के 19 शासकीय विद्यालयों में संचालित किया जा रहा है। इस योजना के तहत बच्चों को ड्रिल ट्रेनिंग,स्ट्रेस ट्रेनिंग, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट काउंसलिंग आदि प्रदान किए जाते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों का समग्र विकास है।
विश्वविद्यालय की कुलपति रेणू जैन ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में साइन किया गया एमओयू समाज सेवा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। बच्चों को भ्रमित होने से रोकने के लिए उन्हें सही काउंसलिंग सही समय दी जाए यह अत्यंत जरूरी है। इस योजना ने प्रशासन एवं पुलिस का मानवीय चेहरा समाज को दिखाया है। आज के वर्तमान समय में प्रशासन तथा पुलिस समाज के सहयोगी बनकर खड़े हुए हैं और हमें भी इनके सहयोग में हर संभव भूमिका निभानी है।