शेर नहीं इस बार घोड़े पर सवार होकर आएगी मां दुर्गा, इस खतरे की ओर है संकेत

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नवरात्रि का त्यौहार पूरे नौ दिनों तक मनाया जाता हैं। इस पर्व को सबसे ज्यादा पावन पर्व माना जाता है। हिन्दू धर्म में इस नवरात्रि का काफी महत्व है। नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना से की जाती है। इस साल चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल मंगलवार से प्रारंभ हो रहे हैं। ऐसे में नवरात्रि में मां नव दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।

मान्यता है कि नवरात्रि के प्रथम दिन शुभ मुहूर्त अनुसार ही घटस्थापना करने के बाद मां शैलपुत्री की आराधना करने का विधान है। बता दे, इसके अलावा चैत्र नवरात्रि में षष्टी, महा सप्तमी, महा अष्टमी, महा नवमी का विशेष महत्व रहता है। आइये जानते है इस बार का शुभ मुहूर्त और पारण तक की तिथि –

मां दुर्गा की घोड़े की सवारी के मायने –

बता दे, मां दुर्गा का घोड़े पर सवार होकर आना अशुभ संकेत हो सकता है। इसको गंभीर संकट के आने का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी भागवत पुराण की मानें तो यह प्राकृतिक आपदा आने का संकेत हो सकता है। सत्ता पर इसका बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है। पड़ोसी देशों से सीमा-विवाद और अन्य तरह के मतभेद हो सकते हैं।

कलश स्थापना आरंभ: 13 अप्रैल की सुबह 5 बजकर 58 मिनट
कलश स्थापना समाप्ति: 13 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 14 मिनट
कलश स्थापना का कुल समय: 4 घंटे 16 मिनट
कलश स्थापना का दूसरा आरंभ मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 56 मिनट
कलश स्थापना का दूसरा समाप्ति मुहूर्त: सुबह 12 बजकर 47 मिनट

तिथियां –

पहला दिन: 13 अप्रैल 2021, मां शैलपुत्री पूजा
दूसरा दिन: 14 अप्रैल 2021, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
तीसरा दिन: 15 अप्रैल 2021, मां चंद्रघंटा पूजा
चौथा दिन: 16 अप्रैल 2021, मां कूष्मांडा पूजा
पांचवां दिन: 17 अप्रैल 2021, मां स्कंदमाता पूजा
छठा दिन: 18 अप्रैल 2021, मां कात्यायनी पूजा
सातवां दिन: 19 अप्रैल 2021, मां कालरात्रि पूजा
आठवां दिन: 20 अप्रैल 2021, मां महागौरी पूजा
नौवां दिन: 21 अप्रैल 2021, मां सिद्धिदात्री पूजा
दसवां दिन: 22 अप्रैल 2021, व्रत पारण