पीथमपुर में 100 टन से ज्यादा जहरीला कचरा होगा दफन, फैक्टरी में खुदाई शुरू

Abhishek singh
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भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्टरी से 40 साल बाद विषैला कचरा पूरी तरह से एकत्रित कर 12 कंटेनरों में भर दिया गया है। अब यह कंटेनर इंदौर के पास स्थित धार जिले के पीथमपुर पहुंचने के लिए तैयार हैं। इन्हें भोपाल से पीथमपुर तक 250 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाकर रामकी संयंत्र स्थल तक लाया जाएगा। इस 337 टन विषैला कचरा का 100 टन से ज्यादा हिस्सा फैक्टरी परिसर में ही जमीन में दफन करने की योजना बनाई गई है।

यह कचरा यूनियन कार्बाइड फैक्टरी की मिट्टी और धूल से संबंधित है, जिसे जलाना संभव नहीं है। कचरे को जलाने के बाद जो राख बचती है, उसे भी लैंडफिल किया जाएगा। इसके लिए पिछले कई दिनों से फैक्टरी परिसर में खुदाई की जा रही थी। इस कचरे को पूरी तरह से सुरक्षित तरीके से दफनाया जाएगा, ताकि यह भूजल को प्रदूषित न करे। दफनाने से पहले इस कचरे का 2008 में फैक्टरी में ट्रायल रन भी किया जा चुका है।

भोपाल से पीथमपुर ले जाए जा रहे कचरे में 92 टन सेविन और नेफ्थाॅन के अवशेष, 54 टन कीटनाशक निर्माण में उपयोग होने वाला रसायन, और 29 टन रिएक्टर के अवशेष शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 40 साल पहले, 2-3 दिसंबर 1984 की रात, भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्टरी से गैस का रिसाव शुरू हो गया था। मिथाइल आइसोसाइनाइड गैस के कारण 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, और इस गैस त्रासदी का असर बाद में जन्म लेने वाली संतानों पर भी पड़ा। यूका फैक्टरी में कीटनाशक और अन्य रसायनों का उत्पादन होता था।

40 टन कचरा दफन किया गया

40 टन कचरे को रामकी फैक्टरी के सामने स्थित हिस्से में दफन किया जा चुका है। इसके बाद, फैक्टरी के पास स्थित आशापुर गांव के नाले और बोरिंग के पानी में प्रदूषण फैल गया है। ग्रामीण अब बोरिंग के पानी का इस्तेमाल नहीं करते हैं। उस समय के केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश खुद पीथमपुर आए थे और पानी के सैंपल अपने साथ ले गए थे।

रामकी परिसर में पुलिस छावनी का रूप, सुरक्षा इंतजाम किए गए

भोपाल से निपटान के लिए पीथमपुर स्थित रामकी फैक्टरी में लाए जा रहे कचरे को लेकर फैक्टरी को पूरी तरह से पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। 200 से अधिक पुलिसकर्मियों को फैक्टरी मार्ग पर तैनात किया गया है और रास्तों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं। पीथमपुर में कचरे के लाए जाने का विरोध भी हो रहा है, और प्रदर्शनकारियों द्वारा कंटेनरों को रोके जाने से बचने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। इस बीच, तीन जनवरी को पीथमपुर बंद की घोषणा की गई है।