मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र की शरूआत हो चुकी है। जैसा की अंदाजा लगाया जा रहा था, कांग्रेस के विधायकों ने नर्सिंग कालेज घोटाले को लेकर हंगामा शुरू कर दिया है। कांग्रेस सदस्यों ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग उठाई। इस दौरान प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि यह लाखों बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ विषय है। मंत्रियों और अधिकारियों ने गड़बड़ी की है। इस पर चर्चा कराई जानी चाहिए।
नर्सिंग कालेज घोटाला पर हंगामा
वहीं सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि जो विषय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन होता है, उसे पर सदन में चर्चा नहीं कराई जाती है। जवाब में नेता प्रतिपक्ष में कहा कि हम उसे विषय पर चर्चा ही नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नर्सिंग काउंसिल को लेकर कहीं कोई रोक नहीं है। सरकार ने नियमों में बदलाव कर मंत्री और अधिकारियों को नियम दे दिए।
नीट परीक्षा पर बवाल
इस दौरान कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने नीट परीक्षा की गड़बड़ियों का विषय भी उठाया। इसके बाद सभी मंत्री और विधायक खड़े हो गए और उन्होंने इसका विरोध किया। फिर सदन की कार्रवाई 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र की शुरूआत के पहले कांग्रेस विधायकों ने गांधी प्रतिमा के सामने किया प्रदर्शन किया। साथ ही नर्सिंग घोटाले को लेकर तत्कालीन शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के इस्तीफा की मांग कर प्रदर्शन किया।
14 बैठकें होगी विधानसभा में
सदन में बैठक व्यवस्था 14 क्रमों में होगी। भाजपा के पाले में आ चुके कांग्रेस के विधायक रामनिवास रावत को सदन में सत्ता पक्ष का आसन क्रम समाप्त होने के बाद पहली पंक्ति में ही बैठने का स्थान दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्थान पर सदन के वरिष्ठतम विधायक गोपाल भार्गव बैठे।