प्रत्येक आत्मा का अंतिम लक्ष्य मोक्ष ही होना चाहिए – आचार्य प्रज्ञासागर

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1008 शांतिनाथ भगवान का जन्म , तप व मोक्ष कल्याणक बीसपंथी मंदिर मल्हारगंज पर धूमधाम के साथ मनाया गया। मनमोहन झांझरी , राजेश पांड्या ,  भरत काला , व  अजयपाल टोंग्या ने बताया की मूलनायक  शांतिनाथ भगवान का जल ,दूध , दही ,केशर व फलों के रस से सैकड़ों महिला पुरुष श्रद्धालुओं ने आचार्य प्रज्ञासागर जी महाराज व मुनि आदित्य सागर जी महाराज के सानिध्य में भव्य पंचामृत अभिषेक किया , व हर्षोल्लास से निर्वाणकाण्ड की भाषा के साथ निर्वाण लाडू चढ़ाया ।

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आचार्य ने उपस्थित श्रद्धालुओं को कहा कि प्रत्येक जीव का अंतिम लक्ष्य निर्वाण ही होना चाहिए । अनंतकाल से हमारी आत्मा लक्ष्य से भटककर जन्म मरण को प्राप्त हो रही है । हमे पंथ से दूर रहकर भगवान के चरणों के निकट रहना चाहिए । आज जेठ बदी चौदस के दिन ही शांतिनाथ भगवान ने घोर तपश्चरण कर सम्मेदशिखर से मोक्षलक्ष्मी का वरण किया था । संचालन धर्मेन्द्र पाटनी ने व अतिथि स्वागत अजय रावका व प्रिन्सपाल टोंग्या ने किया ।