संबोधन में बोले मोदी, महाराष्ट्र में संक्रमण सबसे तेज, पुराने नियमों का करना होगा पालन

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आज यानी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बढ़ते कोरोना को लेकर चर्चा की. जिसके बाद पीएम मोदी ने देश को संबोधित भी किया। संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन की रफ्तार होनी चाहिए, तेलंगाना-आंध्र प्रदेश-यूपी में वैक्सीन वेस्ट का आंकड़ा दस प्रतिशत तक पहुंचा है. ये बिल्कुल नहीं होना चाहिए. देश में हम करीब 30 लाख वैक्सीन रोज लगा पाए हैं, ऐसे में इसी रफ्तार को बढ़ाना होगा इसके लिए वैक्सीन वेस्टेज को रोकना होगा.

जनता को पैनिक मोड में नहीं लाना है, भय का माहौल नहीं बनाना है. हमें जनता को परेशानी से मुक्ति दिलानी है और पुराने अनुभवों को फिर से इस्तेमाल में लाना होगा. टेस्ट-ट्रैक और ट्रीट को फिर से गंभीरता से लेना होगा. टेस्टिंग को बढ़ाना होगा, RT-PCR टेस्ट की संख्या 70 फीसदी से ऊपर लानी होगी. केरल-यूपी-छत्तीसगढ़ में रैपिड टेस्टिंग ही की जा रही है, जो चिंता का विषय है.

दुनिया में कई कोरोना प्रभावित देश ऐसे हैं, जहां कोरोना की कई लहर सामने आई हैं. हमारे यहां भी कुछ राज्यों में अचानक से केस बढ़ने लगे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश जैसे देशों में पॉजिटिव रेट काफी बढ़ा है. पीएम मोदी ने कहा कि अगर कोरोना की इस वेव को यहीं नहीं रोका गया तो देशव्यापी असर देखने को मिल सकता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बैठक में, यूपी, बंगाल, और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे.

वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय के अलावा आईसीएमआर और एनसीडीसी के शीर्ष अधिकारी भी बैठक में मौजूद रह सकते हैं। कुल सक्रिय मरीजों में सेे 77 फीसदी सक्रिय मरीज तीन राज्यों में हैं. अकेले महाराष्ट्र में 59 फीसदी और केरल में 12.24 फीसदी सक्रिय मरीज हैं. वहीं पंजाब में भी इनकी संख्या बढ़ रही है. पंजाब में अभी 5.34 फीसदी सक्रिय मरीज हैं।

मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश में बीते सोमवार को सबसे ज्यादा मौत हुई हैं. अकेले महाराष्ट्र में ही सर्वाधिक 48 लोगों की जान गई है. हालांकि राहत की बात है कि राजस्थान, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, झारखंड, लद्दाख, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड, मिजोरम, अंडमान निकोबार और अरूणाचल प्रदेश में एक भी मौत नहीं हुई है.