मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिल गई है। आपको बता दे, मोदी सरकर के इस प्रोजेक्ट के तहत संसद की नई इमारत का निर्माण किया जा रहा है। दरअसल, इसके खिलाफ अब तक कई याचिका दायर की जा चुकी है। क्योंकि कोर्ट ने पर्यावरण कमेटी की रिपोर्ट को भी नियमों को अनुरुप माना है।
बताया जा रहा है कि कोर्ट ने इस मामले को लेकर सेंट्रल विस्टा की वैधता पर सवाल खड़े करने वाली याचिका को फिलहाल लंबित रखा है। वहीं अभी हाल ही में इसको लेकर जस्टिस एएम खानविल्कर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की तीन जजों की बेंच ने आज अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट का कहना है कि हम सेंट्रल विस्टा परियोजना को मंजूरी देते समय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दी गई सिफारिशों को बरकरार रखते हैं।
निर्माण कार्य शुरू करने के लिए धरोहर संरक्षण समिति की स्वीकृति आवश्यक है। इसके अलावा कोर्ट ने हेरिटेज कमेटी से अनुमोदन लेने को भी कहा। जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी ने पिछले दिनों नई संसद की आधारशिला रखी थी। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बताया था कि उसे शिलान्यास करने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक कोई निर्माण, तोड़फोड़ या पेड़ गिराने या स्थानांतरित करने का काम ना हो। अब सुप्रीम कोर्ट लैंड यूज मामले में सुनवाई करेगा।