मोदी सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) उसके नियंत्रण में नहीं है। केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा एजेंसी पर राज्य की पूर्वानुमति के बिना कई मामलों में अपनी जांच आगे बढ़ाने पर दायर मुकदमे का जवाब दिया। पश्चिम बंगाल पर शासन करने वाली ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र के खिलाफ शीर्ष अदालत में एक मूल मुकदमा दायर किया है।
जिसमें आरोप लगाया गया है कि CBI FIR दर्ज कर रही है और अपनी जांच आगे बढ़ा रही है। राज्य ने अपने क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के भीतर मामलों की जांच के लिए संघीय एजेंसी को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली है। अनुच्छेद 131 केंद्र और राज्यों के बीच विवाद में सर्वोच्च न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार से संबंधित है। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ से कहा, भारत संघ ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है। सीबीआई ने इसे दर्ज किया है।
16 नवंबर, 2018 को, पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में जांच करने या छापेमारी करने के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली। सुप्रीम कोर्ट ने संदेशखाली में जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोपों की सीबीआई जांच का निर्देश देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।