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डेली कॉलेज में आपसी झगड़े का फायदा प्रिंसिपल को…

डेली कॉलेज में आपसी झगड़े का फायदा प्रिंसिपल को...

इंदौर। डेली कॉलेज के प्रिंसिपल का समय पूरा हो चुका है, लेकिन नए प्रिंसिपल के लिए कोई तैयारी नहीं है। आपसी झगड़े होने के कारण प्रिंसिपल फायदा उठा रहे हैं। डेली कॉलेज के प्रिंसिपल नीरज बड़ोतिया के पांच साल का कार्यकाल इसी साल दिसंबर खत्म हो जाएगा। नए प्रिंसिपल के लिए अभी तक विज्ञापन दे देना था। इंटरव्यू भी हो जाते। प्रिंसिपल बड़ोतिया ने अपना कार्यकाल बढ़ाने के लिए अध्यक्ष नरेंद्रसिंह झाबुआ को पकड़ लिया है। गायत्री अजय पंवार डेली कॉलेज में अपने लड़के को मैनेजमेंट में शामिल कर चुप हो गईं। धीरज लुल्ला ‘रुको और देखो की तर्ज पर चल रहे हैं। संदीप पारिख शांत हैं, इसलिए कुछ नहीं बोल रहे हैं। दिग्विजयसिंह भी इस बार चुप हैं।

राजवर्धनसिंह दत्तीगांव नाराज चल रहे हैं, इसलिएचुप बैठे हैं। डेली कॉलेज के मामले में गढ़ा और कासलीवाल परिवार का असर भी कम हो रहा है। इन सबका फायदा प्रिंसिपल को मिलने की संभावना है। ऐसा ही चलता रहा तो ऐनवक्त पर बड़ोतिया पांच साल के लिए और कायम हो जायेंगे। हालांकि ओल्ड डेलियंस, प्रिंसिपल से नाराज हैं। जब भी डेली कॉलेज को कोई जरूरत होती थी, तो ओल्ड डेलियंस पूरी कर देते थे।  अब तो उनका कॉलेज परिसर में घूमना और कसरत भी बंद करा दी है। ओल्ड डेलियंस नाराज हैं, लेकिन कर कुछ नहीं सकते।

बड़ोतिया को लाने वाले झाबुआ गुट परेशान हो गए थे कि बड़ोतिया ने सख्त रवैया अपना लिया है। बात बड़ोतिया को हटाने तक की हो गई थी, उसी समय पैरेंट्स, बड़ोतिया के साथ आ गए थे। फिर बड़ोतिया को हटाने की मुहिम ठंडी हो गई थी। अब तो बड़ोतिया अगले पांच साल का सफर और पूरा करने के लिए आगे बढ़ते हुए दिख रहे हैं, क्योंकि बड़ोतिया के साथ पैरेंट्स हैं। हालांकि बड़ोतिया झाबुआ गुट के कहने पर समझौते करते रहे हैं। जो सख्त रवैया पहले था, उसमें नरमी आ चुकी है।

राजेश राठौर

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