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मालवांचल यूनिवर्सिटी में हुई व्यख्यान माला, कुलपति ने कहा- देश आस्था से नहीं संविधान से चलता है

मालवांचल यूनिवर्सिटी में हुई व्यख्यान माला, कुलपति ने कहा- देश आस्था से नहीं संविधान से चलता है

इंदौर। दुनिया में भारत का लोकतंत्र और संविधान सबसे बड़ा है। इसके लिए सबसे मूलभूत आवश्यकताओं को केवल भारत ही पूरा कर सकता है। विविधता में एकता की मिसाल हमारे हर शहर और राज्य में देखने को मिलती है। भारत देश केवल आस्था नहीं बल्कि हमारे भारतीय संविधान के दम पर चलता है। ऐसे में संविधान ही वह एक कड़ी है जो हर भारतवासी को एक साथ पिरोती है। संविधान देश को हर नागरिक को एक समान अधिकार देता है और एक समान नियमों में बांधता भी है।यह बात मुख्य वक्ता मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति एन.के. त्रिपाठी आईपीएस,डीजीपी (रिटायर्ड) ने व्याख्यान में मंगलवार को विद्यार्थियों से कहीं।

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मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति मालवांचल यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को संविधान के महत्व से रूबरू कराने के व्याख्यान आयोजित किया गया। मालवांचल यूनिवर्सिटी के इंडेक्स मेडिकल कॅालेज आडिटोरियम में सभी कॅालेजों के विद्यार्थी इसमें शामिल हुए। इस अवसर पर प्रो.वाइस चासंलर डॅा.रामगुलाम राजदान,रजिस्ट्रार एम क्रिस्टोफर,डॅा.विजेंद्र सिंह डॅा.सुधा श्रीवास्तव,डॅा.सतीश करंदीकर,आईआईडीएस अस्सिटेंट डीन डॅा.दीप्ति सिंह हाड़ा,डॅा.धीरज शर्मा आदि मालवांचल यूनिवर्सिटी के शिक्षक उपस्थित थे।

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