सोम शराब फैक्ट्री में शराब बनाते नाबालिग बच्चे मिले, पूर्व की तरह आबकारी विभाग कोई ठोस कार्रवाई करेगा की हाथ पर हाथ धरे बैठा रहेगा?

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छोटू शास्त्री, धार
विवादों से गहरा नाता रखने वाली सोम डिस्लरी मे एक नये कारनामे ने आबकारी, पुलिस, और कंपनी प्रभंधन की मिली भगत एक बार फिर उजागर हुई, ख़ास बात यह है कि अगर बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंक क़ानूनगो वहाँ नहीं पहुँचते तो साठ से अधिक बच्चे शराब बनाते नहीं दिखाई देते..लेकिन क्या सोम डिस्लरी के मलिक पर कार्यवाही होगी यह प्रश्न अभी भी नहीं होने की दुहाई देता दिखाई दे रहा है।
क्या आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल एवं प्रमुख सचिव वाणिज्य कर अमित राठौर
इन मुद्दों पर तत्काल विचार कर कार्यवाही करेंगे ?
1- सोम की शराब फैक्ट्री में शराब कौन बना रहा है और किससे बनवा रहा है यह देखना रायसेन के जिला अधिकारी वंदना पांडे और फैक्ट्री के प्रभारी अधिकारी का काम है।
2- फैक्ट्री के अंदर काम कौन करेगा, उनकी आईडी क्या होगी ,उनकी उम्र क्या होगी, उनका पुलिस रिकॉर्ड क्या है ,यह चेक करना वंदना पांडे और प्रभारी अधिकारी सोम डिस्लारी का काम है।
3- फैक्ट्री में 12 से 15 साल के बच्चों से शराब बनवाई जा रही है इसकी जिम्मेदारी वंदना पांडे और प्रभारी सोम फैक्ट्री की है।
4- यदि मासूम बच्चों से शराब बनवाई जा सकती है तो सिमी और एफपीआई के अपराधी भी शराब बना सकते हैं, या बनाते ही होंगे, क्योंकि रायसेन सिमी का
दूसरा सबसे बड़ा केंद्र है।
5- यदि मासूम बच्चे शराब बना रहे हैं तो नक्सलाइट और अपराधियों से भी शराब बनाई जा रही है या सप्लाई कराई जा रही होगी।
6- मासूम बच्चे और बच्चियों का शराब के निर्माण में उनका आर्थिक, मानसिक शोषण घोर अपराध है, एवं फैक्ट्री मालिक फैक्ट्री प्रभारी अधिकारी अच्छा जिला आबकारी अधिकारी को तत्काल दंडित किया जाना चाहिए।
7- सोम फैक्ट्री बिना शासन की परमिशन से कुंड बनाता है अवैध रूप से। ₹500000 जुर्माना चुका कर बच जाता है। रायसेन और भोपाल संभाग के प्रमुख आबकारी अधिकारी दीपम राय चुरा , वंदना पांडे , आलोक खरे और वीरेंद्र सक्सेना के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं होती।जबकि विधानसभा में कार्यवाही का आश्वासन भी मंत्री के द्वारा दिया गया था ।
क्या प्रमुख सचिव अमित राठौर और आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल सोम के अवैध कुंड निर्माण में सहयोग देने वाले अधिकारियों की तरह मासूम बच्ची और बच्चों के का शोषण कर शराब निर्माण करने वाले फैक्ट्री मालिक तथा पदस्थ प्रभारी अधिकारी एवं जिलाधिकारी वंदना पांडे के विरुद्ध कार्यवाही करेंगे या मैनेज होंगे।
अत्यंत विशेष- धार जिले के लेबड में स्थित केडिया शराब फैक्ट्री के गेट से 50 मीटर से कम की दूरी पर बच्चों का स्कूल चल रहा है। शराब की दुर्गंध, ट्रैकों की आवाजाही, फैक्ट्री में काम करने वालों की चिल्लाहट, अवैध शराब के स्मगलर, स्कूल की दीवार से सट कर शराब का व्यवसाय करते हैं। आबकारी आयुक्त तथा प्रमुख सचिव को की गई शिकायत का कोई जवाब नहीं है। ऐसा लगता है कि सोम शराब फैक्ट्री रायसेन के बाद धार में कोई बड़ी घटना होगी तभी प्रशासन और आबकारी मंत्री को चेतना आएगी ?