नई दिल्ली: कोरोना महामारी के आगे बड़ी-बड़ी महाशक्तियां कमजोर पड़ गई है। तमाम रिसर्च के बाद भी इस महामारी की वैक्सीन अभी तक नहीं मिल पाई है। इसके अलावा कोरोना को लेकर नई-नई जानकारियां सामने आ रही है। हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर दिया गया बयान हटा लिया है।
कोरोना वैक्सीन को लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के बीच आपसी सामंजस्य नहीं दिख रहा है। मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने अपने जारी प्रेस रिलीज में कहा था कि COVAXIN और ZyCov-D के साथ-साथ दुनियाभर में 140 वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों में से 11 ह्यूमन ट्रायल के दौर में हैं, लेकिन इनमें से किसी भी वैक्सीन के 2021 से पहले बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए तैयार होने की संभावना नहीं है।
हालांकि प्रेस रिलीज से ‘इनमें से कोई भी वैक्सीन 2021 से पहले बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए तैयार होने की संभावना नहीं है’ बात हटा ली गई है। गौरतलब है कि देश में कोरोना वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया जारी है। आईसीएमआर द्वारा 15 अगस्त को एक वैक्सीन लांच करने की भी सम्भावना जताई गई है।
आईसीएमआर की ओर से जारी लेटर के मुताबिक, 7 जुलाई से ह्यूमन ट्रायल के लिए इनरोलमेंट शुरू हो जाएगा। इसके बाद अगर सभी ट्रायल सही हुए थे तो आशा है कि 15 अगस्त तक कोवैक्सीन को लॉन्च किया जा सकता है। सबसे पहले भारत बायोटेक की वैक्सीन मार्केट में आ सकती है।