फर्जी पत्रकारों पर फिर नकेल कसने जा रहा सूचना प्रसारण मंत्रालय, जारी किये ये दिशा निर्देश

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पत्रकार हमारे देश में चौथे स्तम्भ का काम करता है जब आम जनता को न्याय के लिए कहीं न कहीं भटकना पड़ जाता है तब दुनिया कानून और सरकार को सच तक पहोचने का काम यह चौथा स्तम्भ ही करता है लेकिन आज कल पत्रकारिता एक पेशा बन गया है जरिया बन गया है पैसे कमाने का लाचार मजूलम लोग जो अपनी व्यथा लेकर आते है आज कल उन से भी पैसे वसूल करने में पीछे नहीं हटते पत्रकार जिसमे छोटे न्यूज़ चैनल जो की यूट्यूब सोशल मीडिया से जुड़कर अपने आप को पत्रकार बता कर लोगों से मोटी रकम वसूलते है फिर चाहे वह विज्ञापन के नाम पर हो या शासन की कल्याणकारी योजनाओं की शिकायत के नाम पर लेकिन अब ऐसे पत्रकारों पर सुचना एवं प्रसारण मंत्रालय नकेल कसने जा रहा है अब जिले व् शहर के पत्रकारो की सूची को जिला तथा सब डिवीजन स्तर पर जांच के बाद निर्देशित अधिकारियों को अपने कार्यालय पर चस्पा करना अनिवार्य कर दिया गया है

17 बिन्दुओ पर होगी पत्रकार की पहचान

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में फर्जी पत्रकारों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है, सभी राज्य के प्रमुख सचिव के नाम पर मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी में 17 बिंदुओं के आधार पर पत्रकारों की पहचान कर जिला जनसंपर्क कार्यालय मैं नाम पंजीबद्ध किए जाने के आदेश दिए गए है। साथ ही ग्रेजुएशन मान्यता प्राप्त पत्रकारिता का डिप्लोमा या बीएफ हिंदी साहित्य से ग्रेजुएशन ही मान्य होंगे । पत्रकारिता का अनुभव प्रमाण लेखनी प्रमाण ही मान्य होगा उन्हें ही वरीयता दी जाएगी । साथ ही अंगूठा टेक पत्रकारों पर जल्द ही कार्रवाई के निर्देश दिए जायेगे, मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देश नियमों के अनुसार कोई भी अखबार मालिक किसी भी व्यक्ति को अख़बार का कार्ड जारी नहीं कर सकते जब तक कि उस समाचार पत्र के मुख्य संपादक के हस्ताक्षर पत्रकार परिचय पत्र कार्ड पर नहीं होंगे परिचय पत्र कार्ड में साफ़ रूप से लिखना होगा की समाचार पत्र की ओर से परिचय पत्र जारी करने से पूर्व परिचय पत्र जारी करता के बारे में साडी जानकारी शासन के नियमानुसार जांचने के बाद यह परिचय पत्र जारी किया जाता है

इन नियमो का भी है उल्लेख

शासन के नियमानुसार पत्रकार का व्यापार व्यवसाय क्या है वः किस व्यपार ने परिवार चलता है वह किसी अवैध रूप से कोई व्यापार में लिप्त हो या पत्रकारिता की आड़ में जिस व्यापार से जुड़ा है उसमें शासन की गाइड लाइन क्या अंतर्गत कार्य नहीं करने का कारण बनकर पत्रकारिता क्षेत्र में आकर अधिकारियों पर दबाव बना रहा है। वह अपराधी तो नहीं है पुलिस रिकॉर्ड में अगर वह अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति है तो उसको कोई भी समाचार पत्र का कार्यालय अपना प्रतिनिधि नियुक्त नहीं कर सकता है। किसी भी समाचार पत्र के प्रतिनिधि के खिलाफ कोई शिकायत प्राप्त होती है और समाचार पत्र पर भी शासन की ओर से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय प्रसारण मंत्रालय ने स्पष्ट शब्दों में सभी राज्यों को सख्त निर्देश देते हुए नियमों का पालन करते हुए मंत्रालय को सूचित करने का आदेश जारी किया है।

अधिकारिओ ने की सबसे ज्यादा शिकायत

मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव को भी फर्जी पत्रकारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। अब सही मायने के पत्रकारों की लिस्ट सबडिवीजन स्तर पर अनु विभागीय दंडाधिकारी, पुलिस थाना पर चस्पा की जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय प्रसारण मंत्रालय को सबसे अधिक शिकायत शासकीय कर्मचारी तथा अधिकारी वर्ग ने भेजी है जिसमें सूचना के अधिकार का दुरुपयोग करते हुए पत्रकारों द्वारा ब्लैकमेल करने एवं पत्रकारिता की आड़ में अधिकारी तथा कर्मचारियों को धमकी देकर विज्ञापन के नाम पर रूपये ऐंठना और रूपये नहीं देने पर प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए यूट्यूब एवं सोशल मीडिया पर गलत समाचार से अधिकारियों को मानसिक परेशान करने की स्थिति को देखते हुए तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं।