ऑक्सीजन पार्क बनाने के लिए मंत्री उषा ठाकुर ने किया महू और उसके आसपास का दौरा

Rishabh
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महू: यह खूबियों वाली बात है कि महू के आसपास ही प्राकृतिक वातावरण प्रचुर मात्रा में नहीं है वरन् महू फौजी छावनी और उससे लगे प्राकृतिक स्थलों पर भी अनेकों सम्भावनाएं हैं जहाँ पर वृक्षारोपण करके पर्यावरण को और संवारा जा सकता है जिससे कोरोना जैसी घातक बिमारी को शुद्ध जलवायु से परास्त किया जा सकता है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने इसी उद्देश्य से महू और उसके आसपास का सघन दौरा शुरु किया है ताकि ऐसे ऐसे स्थानों को तलाश कर उपयोग में लाया जा सके, जहाँ जलवायु का प्रवाह पौधारोपण करके हो, वर्षा के जल का उपयोग किया जा सके और बांस की खेती की सम्भावनाओं को प्राकृतिक झील, तालाबों के आसपास तलाशा जा सके।

आज शाम को मंत्री उषा ठाकुर ने छावनी परिषद की मुख्य कार्यपालन अधिकारी मनीषा जाट के साथ महू जनरल्स रोड और हैदराबादी बस्ती के बीच के मैदानी इलाके का दौरा किया जहाँ पर पिछले कुछ सालों में परिषद ने झील का निर्माण किया है। अब इस प्राकृतिक स्थल का उपयोग भरपूर ऑक्सीजन उत्पादन से हो और भविष्य में कोरोना या अन्य गंभीर संक्रमण को परास्त किया जा सके, इस हेतु इलाके को ऑक्सीजन पार्क (जलवायु बगीचा) में तब्दील करने का विचार पर्यटन संस्कृति मंत्री और क्षेत्रीय विधायक उषा ठाकुर को किसान पाठशाला के बलराम किसान द्वारा सुझाया गया है।

इसी सम्भावनाओं को देखने के लिये उक्त झील का दौरा किया गया। वर्तमान में कई एकड़ में फैली इस प्राकृतिक और बेकार पड़ी भूमि जो सेना क्षेत्र के अंतर्गत आती है, में झील के अलावा कुछ नहीं है। बड़वानी के बलराम किसान ने कहा यहाँ अपार सम्भावनाएं हैं कि झील के साथ साथ बांस के वृक्षों की खेती की जाए। बांस जल्दी भी उगता है और समूह में भी जल्दी बड़ा होता है। यह पानी को भी संग्रहित करता है और बांस के व्यावसाय से रोज़गार के साथ साथ हर साल गुणोत्तर लाभ मिल सकता है।

मंत्री उषा ठाकुर ने इस पूरे मामले में डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिये। सीईओ जाट से बातचीत कर इसका प्रस्ताव सेना मुख्यालय भेजने की बात कही और कृतिम के बजाय प्राकृतिक ऑक्सीजन पार्क के लिये हरी झंडी मिले इसके लिये रक्षा मंत्री से भी भेंट करेंगी। अभिभाषक रवि आर्य ने कहा कि यदि महू किले के पीछे की झील जिसे पूर्व जनरल डी बी शेकटकर ने निर्मित की थी, उससे मिला दिया जाए तो ये झील बड़ी झील बनकर खूबसूरत जलवायु का केंद्र बन सकती है।

सभी पौन किलोमीटर कांटेदार रस्ते पर पैदल चले…
यह उल्लेखनीय रहा कि मंत्री उषा ठाकुर और सीईओ सहित कैन्ट दल व पत्रकारों ने इस कांटेदार स्थान का दौरा कोई पौन मील का पैदल रास्ता तय करके सेना द्वारा लगाई गई दोनों ओर की फेंसिंग के बीच से तय किया। इस मौके पर कैंट ऑफिस अधीक्षक सतीश अग्रवाल, सफाई अधीक्षक मनीष अग्रवाल, भाजपा नेता शिव शर्मा और पत्रकारगण मौजूद रहे।