इंदौर : जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने मंगलवार को वल्लभ भवन-3 भोपाल में जलसंसाधन विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री एस एन मिश्रा , उप सचिव श्री विकास नरवाल ,ई.एन.सी. श्री डावर तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
मंत्री श्री सिलावट ने विभाग के समस्त अधीक्षण यंत्री और कार्यपालन यंत्री को सख्त निर्देश दिए कि वे सभी नहरों ,तालाबों और बांध का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर यदि लापरवाही उजागर होती है तो सम्बन्धित अधिकारी के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री श्री सिलावट ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी परियोजना अंतर्गत यदि बिना काम शुरू हुए किसी भी ठेकेदार को भुगतान किया गया है तो सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी परियोजना में तकनीकी और प्रशासकीय स्वीकृति के साथ डिजाइन मंजूर होने के बाद ही काम शुरू किया जाए। समीक्षा के दौरान मंत्री श्री सिलावट ने कहा की जलसंसाधन विभाग का मुख्य कार्य किसानों को सिंचाई की योजना से पानी उपलब्ध कराया जाना है। किसानों की आय को दुगना करने में हमारी भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। समय पर फसलों को पर्याप्त पानी उपलब्ध होने से किसानों को बेहतर उपज मिलेगी। इसके लिए मंत्री श्री सिलावट स्वयं हितग्राही किसानों के साथ संवाद स्थापित कर सिंचाई परियोजना का फीडबैक भी लेंगे।
मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि केंद्र सरकार के बजट के बाद विभाग की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने बजट के अनुसार कार्ययोजना बनाकर कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आगामी लंबित योजनाओं के लिए सभी तैयारी करे यदि उसमें किसी प्रकार की कमी है तो उसको पूर्ण करके रूपरेखा तैयार कर ले, जिससे राशि आवंटन के लिए वित्त विभाग से राशि मांगी जा सके।
अधिकारियों को दिये निर्माणाधीन परियोजनाओं के नियमित निरीक्षण के निर्देश
मंत्री श्री सिलावट ने सभी अधिकारियों को फील्ड में रहने और दौरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बांध और नहरों के निर्माण को गुणवत्ता पूर्वक तरीके से समय-सीमा अंतर्गत पूर्ण कराया जाये। उन्होंने अधिकारियों को निर्माणाधीन परियोजनाओं के नियमित निरीक्षण के निर्देश भी दिये और कहा कि सभी अधिकारी अपनी क्षमता और गंभीरता के साथ दायित्वों का निर्वाहन करे और सिंचाई योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को उपलब्ध हो सके उसके लिए पानी की उपलब्धता और उसके वितरण के लिए व्यवस्था बनाए। उन्होंने कहा कि किसानों के लाभ के लिये सिंचाई का रकबा भी बढ़ाया जाना सुनिश्चित किया जाये।
मंत्री श्री सिलावट ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभाग के बांध और तालाब की पानी धारण की क्षमता बढ़ाने के लिए गर्मी के मौसम में किसानों को मिट्टी निकालने की भी अनुमति दें, जिससे खेतो में उपजाऊ मिट्टी डाली जा सके और किसानों की उपज में भी वृद्धि हो सके । माइक्रो सिंचाई परियोजना के लिए सर्वे शुरू कराया जाए ,जिससे छोटे और सीमांत किसानों को इस योजना का लाभ दिलाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 89 आदिवासी ब्लॉक में वन क्षेत्रों में भू-अधिग्रहण की समस्या से निपटने के लिए वन और राजस्व अधिकारियों के समन्वय के साथ मिलकर योजना बनाए और आदिवासी क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाये।