भोपाल में दो प्रमुख बिल्डर राघवेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गुप्ता पर पड़े आयकर छापों के बाद जिस प्रकार से करोड़ों की बेनामी संपत्ति व करोड़ों की काली कमाई की बातें सामने आ रही है, उससे यह साफ रूप से स्पष्ट हो रहा है कि प्रदेश के मंत्रियों व बड़े अफसरों की भ्रष्टाचार की काली कमाई कहीं ना कहीं इनके यहां पर निवेश की गई थी। सभी जानते हैं कि मंत्री अरविंद भदौरिया के फेथ बिल्डर के मालिक राघवेंद्र सिंह तोमर से क्या संबंध है ?
यह वही राघवेंद्र सिंह तोमर हैं जिनका नाम व्यापम घोटाले के प्रीपीजी मामले में सामने आया था, बाद में इन्हें सरकारी गवाह बना लिया गया ?
यह वही राघवेंद्र तोमर है जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की गाड़ी चलाते थे उनकी यह तस्वीर उस समय वायरल भी हुई थी।
यह वही राघवेंद्र सिंह तोमर हैं जिनके बारे में मंत्री अरविंद भदौरिया ने खुले रुप से बयान जारी कर चुका रहा था कि वे उनके छोटे भाई हैं और कांग्रेस सरकार पर तमाम आरोप लगाए थे।
यह वही राघवेंद्र तोमर है जिनके क्रिकेट एकेडमी में मंत्री अरविंद भदौरिया साइकिल चलाते हुए घूमते नजर आते हैं।
यह वही राघवेंद्र तोमर है जिनकी अकैडमी में मंत्री जी क्वारेंटाइन हुए थे।
यह वही राघवेंद्र तोमर है जिनके नाम पर पंजीकृत गाड़ियों का उपयोग मंत्री भदोरिया ने कई बार सार्वजनिक रूप से किया, जिसके प्रमाण भी मौजूद है।
यह वही राघवेंद्र तोमर है जिनकी पहुंच सत्ता के शीर्ष पर थी और भाजपा सरकार में वर्तमान में चल रहे ट्रांसफर उद्योग में भी इनकी भूमिका की बातें समय-समय पर सामने आती रही है। कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी उनके करीबी रिश्तेदार हैं। उनकी महत्वपूर्ण पोस्टिंग में इनकी भूमिका की बात सामने आती रही हैं।
यह वही राघवेंद्र तोमर है जिनके बारे में कांग्रेस को यह जानकारी लगी थी कि प्रदेश में विधायकों की खरीद-फरोख्त और कांगे्रस सरकार के तख्तापलट में जो काली कमाई का उपयोग हुआ है, उसमें बड़ी भूमिका इन्हीं की है। वर्तमान के आयकर छापे कहीं ना कहीं उस काली कमाई की पुष्टि भी कर रहे हैं और कांग्रेस सरकार के तख्तापलट में राघवेंद्र तोमर की भूमिका और काली कमाई की ओर इशारा भी कर रहे हैं।
कांग्रेस भाजपा से सवाल पूछती है कि क्या कारण है इतने बड़े आयकर छापों के बाद भाजपा और उसके जिम्मेदार तमाम नेता मौन धारण किए हुए हैं, कुछ बोलने को तैयार नहीं है? मंत्री अरविंद भदौरिया कह रहे हैं कि मैं सिर्फ राघवेन्द्र तोमर को पहचानता हूं, मेरा उनसे कोई रिश्ता नहीं है। जबकि उनके निकट संबंध व रिश्ते के कई प्रमाण मौजूद हैं और वह किसी से छुपे नहीं है।
कांग्रेस मुख्यमंत्री से मांग करती है इन सब बातों को सामने आने के बाद तत्काल मंत्री अरविंद भदौरिया को मंत्रिमंडल से बाहर किया जाए और कई और भी मंत्रियों का भ्रष्टाचार की काली कमाई उक्त बिल्डर के वहां निवेश के रूप में लगाई गई है, यह बातें भी सामने आ रही है, इन सारी बातों की सरकार अपने स्तर पर जांच कराएं और जिन जिन मंत्रियों के निकट रिश्ते उक्त बिल्डर से है, उन सभी मंत्रियों की सरकार अपने स्तर पर जांच कराएं और जांच होने तक उन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर करें। इस बात की भी सरकार जांच कराएं कि कुछ ही वर्षों में उक्त बिल्डरों ने इतनी संपत्ति कैसे अर्जित की, इनके पास इतनी संपत्ति कहां से आई। मंत्री भदोरिया जो खुद की संपत्ति में अपने पास एक टू व्हीलर बताते हैं वह इतनी महंगी महंगी गाड़ियों में घूमने का शौक कैसे पालते हैं और क्या कारण है कि किस बात से उपकृत होकर बिल्डर राघवेंद्र तोमर मंत्री को अपनी महंगी गाड़ियों में घुमाते हैं, अपनी एकेडमी में रुकाते हैं और उनके ऊपर लाखों खर्च करते हैं, इन सब रिश्तो की जांच होना चाहिए?
उक्त बिल्डरों को किस का राजनैतिक संरक्षण रहा, कौन-कौन मंत्री और कौन-कौन बड़े अधिकारी से इनकी नजदीकियां थी और उनका इनके पास निवेश था, इन सब बातों की सरकार को जांच करा कर उन पर कार्रवाई करना चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ आयकर छापों का मामला नहीं है। उक्त आयकर छापे दिल्ली आयकर टीम द्वारा मारे गए है, यह पूरा मामला भ्रष्टाचार व काली कमाई का है इसलिए सरकार को इस पर कठोर एक्शन लेते हुए पूरे मामले की जांच अपने स्तर पर कराना चाहिए और भ्रष्टाचार की काली कमाई को इन बिल्डरों के यहां निवेश करने वालों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई करना चाहिए।
2003 के बाद इनके निजी खातों की भी जांच की जाए, 2003 से पहले राघवेंद्र सिंह तोमर के पास कितनी संपत्ति थी और आज कितनी है ?
यह पूरा मामला ग्वालियर – चम्बल क्षेत्र के भाजपा के अंतर्कलह व गुटबाज़ी से भी जुड़ा हुआ है। एक दूसरे का निबटाने का खेल शुरू हो चुका है। ख़रीद- फ़रोख़्त की राशि में हुआ बड़ा गोलमाल भी इसके पीछे बताया जा रहा है।