भटकते रहे प्रवासी मजदूर, किसी को नहीं मिला पैसा : कमलनाथ

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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का रतलाम के सैलाना में दिवंगत प्रभु दयाल गहलोत की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में संबोधन – मैं महाराजा नहीं हूं ,मैं मामा नहीं हूं , मैंने कभी चाय नहीं बेची , मैं तो बस कमलनाथ हूँ। कई लोग कहते हैं कि मैं टाइगर हूं। मैं तो ना टाइगर हूं , ना पेपर टाइगर हूं , अब यह तो प्रदेश की जनता तय करेगी , कौन क्या है ? शिवराज सिंह जहाँ भी जाएंगे ,वहां कोई न कोई ऐलान , कोई न कोई झूठी घोषणा करेंगे।

वो वापस प्रचार-प्रसार की राजनीति करेंगे , बड़े बड़े ऐलान किए जाएंगे।
हम मजदूरों को इतना पैसा दे रहे हैं।कैसे प्रवासी मजदूर भटकते रहे , हम सभी ने देखा , किसी को कुछ पैसा मिला क्या ? आज जनता समझदार है ,सीधी-साधी ,भोली-भाली है।मध्य प्रदेश की सीधी-सादी जनता इनको हमेशा के लिए घर बैठायेगी।