महू। देश की सेना सीमा पार बैठे दुश्मन पर ना सिर्फ पूरी तरह निगाहबान है, बल्कि जरा सी भी नापाक हरकत पर हमारी सेना दुश्मन को गोलियों से छलनी कर देती है, वही देश के लोगों के लिए अपना खून व प्लाज्मा देने से भी पीछे नहीं है। ऐसे वीर योद्धा है हमारे देश के वीर सैनिक जो हमेशा देश सेवा के लिए तत्पर रहते है और कभी पीछे नहीं हटते हैं. सेन्य अस्पताल में शनिवार को कोविड 19 को पराजित कर लौटे आर्मी के जवान योद्धाओं ने प्लाज्मा दान कर मरीजों के लिए बड़ा कदम उठाया है। यह बात सेना से लेकर प्रशासनिक व अन्य अधिकारियों ने मिलेट्री हॉस्पिटल में लगाए गए प्लाज्मा डोनेशन केंप में कही। यहां इंदौर एमवायएच के वरिष्ठ चिकित्सकों ने कहा कि यह प्रयास बेहद सराहनीय है। इससे कोरोना से लड़ रहे कई मरीजों की जान बचाई जा सकेगी। प्लाज्मा डोनेशन शिविर में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ ही इंदौर कमिश्नर पवन शर्मा, प्रशासन व विभिन्न महकमें के अधिकारी मौजूद रहे।
सैन्य अस्पताल के मुताबिक कोविड 19 के बाद देश में पहला कैंप है, जहां इतनी संख्या में वायरस को हराकर सकुशल घर लौटकर आए लोगों ने प्लाज्मा दान किया। इस तरह का शिविर आगे भी लगाए जाने की योजना है। जहां पर 25 अफसरों सहित जवानों ने प्लाज्मा दिया।
सभी जवानों को सर्टिफिकेट दिए
प्लाज्मा डोनेशन करने वाले सभी को दो सर्टिफिकेट, एक कप व टाई दिए। जिसमें एक सर्टिफिकेट पर डोनेट करने वाले जवान की फोटो भी छपी हुई है।
एक भी सिविलियन नहीं पहुंचा
बीते दिनों से ही प्लाज्मा डोनेशन कैंप की तैयारी चल रही थी। जिसके पूर्व में सेना अस्पताल में एक कैंप लगाया था। जिसमें उन लोगों का टेस्ट व अन्य जांचे की गई थी। जिसमें उनका प्लाज्मा देने लायक है या नहीं। इस कैंप में 6 सिविलियन ने भी जांच करवाई थी। प्लाज्मा डोनेशन के लिए रजिस्ट्रेषन भी करवाया था, लेकिन जब प्लाज्मा डोनेट करने की बारी आई तो एक भी सिविलियन प्लाज्मा डोनेट करने नहीं पहुंचा।
भंवरीलाल मिठाईवाले ने भी किया सहयोग
कैंप में भंवरीलाल मिठाई वाले ने प्लाज्मा डोनेट करने वालों के लिए मिठाई के पैकेट पहुंचाए थे। जानकारी अनुसार 40 पैकेट भेंट किए।