Mumbai News : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 4 मार्च, 2024 को जारी निर्देशों के अनुसार, भारत के सबसे बड़े एसएफबी, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक (एयू एसएफबी) ने फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक (फिनकेयर एसएफबी) के एयू एसएफबी में विलय (एकीकरण) की घोषणा की है, जो आज से प्रभावी है। यह विलय एयू एसएफबी को मजबूत भौगोलिक उपस्थिति, अलग अलग सेगमेंट के ग्राहकों और व्यापक उत्पाद पेशकश का लाभ उठाकर एक मजबूत अखिल भारतीय रिटेल बैंकिंग फ्रेंचाइजी स्थापित करने में मदद करता है।
ऑल-स्टॉक मर्जर डील में 29 अक्टूबर, 2023 को की गई घोषणा के तहत, फिनकेयर एसएफबी के शेयरधारकों को फिनकेयर एसएफबी में रखे गए हर 2000 इक्विटी शेयरों के लिए एयू एसएफबी में 579 इक्विटी शेयर हासिल होंगे। इस विलय को 4 मार्च, 2024 को आरबीआई से अंतिम मंजूरी मिली थी और यह 1 अप्रैल, 2024 से प्रभावी हो गया है। विलय को पहले 23 जनवरी, 2024 को प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 31 (1) के प्रावधानों के तहत भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा मंजूर किया गया था।
यह भारत के विलय और अधिग्रहण (मर्जर एंड एक्विजिशन – एमएंडए) क्षेत्र में किसी विलय को सबसे तेज मिलने वाली मंजूरी में से एक है जिसमें सभी अप्रूवल 4.5 महीने की अवधि में प्राप्त हुए हैं। इसके साथ, एयू एसएफबी 1 करोड़ से अधिक के संयुक्त ग्राहक आधार, 43,500 से अधिक कर्मचारियों और 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2,350+ भौतिक टचप्वॉुइंट के नेटवर्क के साथ एक मजबूत यूनिट बन गया है, जिसका डिपॉजिट बेस 89,854 करोड़ रुपये और बैलेंस शीट का आकार 1,16,695 करोड़ रुपये है। (सभी नंबर प्रोफार्मा आधार पर 31 दिसंबर, 2023 तक के हैं)
अब बैंक का फोकस अगले 9-12 महीनों के भीतर एक सहज और निर्बाध एकीकरण सुनिश्चित करने और ग्राहकों को असाधारण बैंकिंग सेवाएं और वैल्यू9 प्रदान करने पर केंद्रित हो गया है।
इस विलय के अनुसार, फिनकेयर एसएफबी के पूर्व एमडी और सीईओ राजीव यादव को एयू एसएफबी के डिप्टी सीईओ के रूप में नामित किया गया है और वह एयू एसएफबी में फिनकेयर यूनिट के भीतर फिनकेयर एसएफबी के सभी प्रमुख परिसंपत्ति व्यवसायों (एसेट बिजनेस) का नेतृत्व करना जारी रखेंगे। एयू एसएफबी ने हाल ही में अपने परिचालन को पांच बिजनेस ग्रुप में समेकित किया था और ‘फिनकेयर यूनिट’ इसका छठा बिजनेस ग्रुप बन जाएगा। इसके अलावा, एयू एसएफबी के एग्जींक्यूयटिव डायरेक्टएर उत्तम टिबरेवाल को एयू एसएफबी के डिप्टी सीईओ और एग्जी क्यू टिव डायरेक्टूर के रूप में प्रमोट किया गया है।
विलय के बाद, फिनकेयर के सभी 59 लाख से अधिक ग्राहक एयू एसएफबी की श्रेष्ठ तकनीकी सेवाओं और प्रमुख उत्पादों (एसेट और लयबिलिटी दोनों) का अनुभव और लाभ ले सकेंगे जिसमें शामिल हैं क्रेडिट कार्ड, क्यूआर कोड, वीडियो बैंकिंग और एयू 0101। विलय एकीकरण प्रक्रिया के दौरान कम से कम व्यवधान और इसका ग्राहकों पर कम से कम असर होने के लिए मजबूत कस्टमर ओरिएंटेशन वाले और तकनीकी रूप से सक्षम दोनों बैंकों ने ग्राहकों के सभी सवालों का जवाब देने के लिए विशेष टास्क फोर्स और कॉल सेंटर स्थापित किए हैं।
इस विलय से एयू एसएफबी को दक्षिण भारत तक बेहतर पहुंच मिलने की भी उम्मीद है, जिससे बैंक के डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में उल्लेखनीय विस्तार होगा। इस बढ़ी हुई उपस्थिति से अगले तीन साल में व्यापक ग्राहक आधार के लिए बैंक के विविध उत्पादों और सेवाओं के डिस्ट्रीब्यूशन में सुविधा होगी, जिससे बैंक की बाजार में स्थिति मजबूत होगी।
इस परिवर्तनकारी विलय पर टिप्पणी करते हुए, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के फाउंडर, एमडी एंड सीईओ, संजय अग्रवाल ने कहा कि “आज का दिन ‘फॉरएवर बैंक’ बनाने की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और मैं इस अवसर पर ग्राहकों, शेयरधारकों और एयू परिवार में फिनकेयर के कर्मचारियों का स्वागत करता हूं। यह विलय न केवल दो संस्थाओं के एकीकरण का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि भारत में बैंकिंग में श्रेष्ठता को फिर से परिभाषित करने के लिए हमारी साझा दृष्टि का भी प्रतिनिधित्व करता है। मैं भारत सरकार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और अन्य रेगुलेटरीज को भी उनके समर्थन और कम से कम समय में विलय को मंजूरी दिए जाने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।इस एकीकरण के साथ, मैं उन्हें व्यापक पैमाने पर एक अच्छी तरह से शासित, अनुपालनशील और मजबूत रिटेल बैंकिंग फ्रेंचाइजी बनाने का आश्वासन देता हूं, जोकि आगामी दशकों में लगातार आगे बढ़ती ‘इंडिया स्टोरी’में योगदान दे सके। यह विलय वित्तीय समावेशन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है और अब हम अपनी संयुक्त ताकत के साथग्राहकों के सभी वर्गों की सेवा कर सकते हैं।चाहे वह कमजोर सामाजिक व आर्थिक स्थिति वाले ग्राहक हों या एचएनआई या एम.एस.एम.ई., हम उन्हें और भौतिक और डिजिटल दोनों चैनलों के माध्यम सेउत्पादों की सम्पूर्ण शृंखला पेश कर सकते हैं जिसमें अधिकृत डीलर – श्रेणी I लाइसेंस (एडी कैट-I) के तहत जल्द ही शुरू होने वाला क्रॉस-बॉर्डर बिजनेस भी शामिल है”।