यशवंत क्लब में सदस्यता विवाद: आवेदन की स्क्रूटनी प्रक्रिया में ट्रांसपेंरेंसी नहीं होने से मामला उलझा

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यशवंत क्लब में अब नया सदस्यता विवाद शुरू हो गया है। क्लब की मैनेजिंग कमेटी द्वारा नए सदस्य बनाए जा रहे थे। फर्म्स एंड सोसायटी ने स्पेशल मेंबर कैटेगरी को लेकर यशवंत क्लब के संविधान संशोधन को मंजूरी दे दी है, लेकिन यह मंजूरी आदेश के दिनांक से 20 फरवरी 2023 से दी गई है। जिसको लेकर विवाद बढ़ गया है। बता दें क्लब में सदस्यता को लेकर शहर के नामचीन 172 हस्तियों का पेंच फंसा हुआ है।

जानकारी के अनुसार यशवंत क्लब द्वारा चार साल में कुल सौ नए सदस्यों को सदस्यता दी जाएगी। इसमें हर साल 25 सदस्यों को कमेटी द्वारा चयन किया जाएगा। इसके लिए फार्म भरवाकर पहले ही इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन भी ले लिए और इन्हें क्रम से एक से 172 तक नंबर भी दे दिए। यह फार्म स्क्रूटनी किस तरह से हुईए इसमें सदस्यता की प्राथमिकता एक से 172 तक कैसे तय हुईए और चयन में ट्रांसपेंरेंसी नहीं होने से मामला उलझा हुआ है।

हालांकि क्लब सचिव संजय गोरानी ने फर्म्स एंड सोसायटी के आदेश के बाद क्लब में नोटिस चस्पा कर इसकी जानकारी दी है कि नया संविधान मंजूर हो गया है, लेकिन सदस्यता प्रक्रिया को लेकर कुछ भी नहीं लिखा गया है। इससे पहले विधान संशोधन के जरिए यशवंत क्लब में स्पेशल मेंबरशिप कैटेगरी जोड़ी गई थी। इसके जरिए नए सदस्यों को प्रवेश दिया जा रहा था।

यशवंत क्लब के संविधान में स्पेशल मेंबरशिप कैटेगरी से सदस्य बनाए जाने का कोई प्रावधान ही नहीं है। संविधान में संशोधन का प्रस्ताव क्लब ने सोसायटी को भेजा हुआ हैए लेकिन वह अभी मंजूर नहीं हुआ है। इसके चलते बिना संशोधन के सदस्यता दिया जाना अवैधानिक है। इसी आधार पर छाबड़ा द्वारा यह याचिका लगाई गई थीए जिस पर सोसायटी ने अभी क्लब को पुराने पंजीकृत नियम से ही चलाने का आदेश दिया है। वहीं याचिकाकर्ता ने नई सदस्यता देने में की गई स्क्रूटनी प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए।