इन्दौर। महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा रक्षाबंधन के अवसर पर महिलाओं व बहनों की सुरक्षा, जनसुरक्षा, सार्वजनिक सुरक्षा, ट्रैफिक नियंत्रण, सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा की दृष्टि से तथा घटना, दूर्घटना, वारदात होने के पश्चात कैमरा रिकार्डिंग का डाटा आसानी से संबंधित विभागो को मिल सके इसके लिए इन्दौर शहर में सामुदायिक सी.सी.टी.वी. कैमरा सर्विलेन्स हेतु बायलाॅज लागू करने के लिए होने वाली पहली एम.आय.सी. में प्रस्ताव रखने के निर्देश संबंधितों को दिये गये।
विदित हो कि, वर्तमान समय में सार्वजनिक सुरक्षा एवं निगरानी हेतु पुलिस विभाग, नगर निगम एवं अन्य विभाग द्वारा विभिन्न स्थानों पर ट्रैफिक नियंत्रण व सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा, जन सुरक्षा आदि के लिये सी.सी.टी.वी कैमरे स्थापित किये गये है। इनके साथ ही शहर के विभिन्न निजी प्रतिष्ठानों एवं संगठनों द्वारा भी अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में सी.सी.टी.वी कैमरे स्थापित किये जाकर संचालित किये जा रहे है। चुंकि वर्तमान में शहर में स्थापित सी.सी.टी.वी. कैमरों का अलग-अलग नियंत्रण तंत्र होने से तथा आपसी समन्वय नही होने से वारदात या घटना के पश्चात कैमरे की फिल्म एवं कैमरा रिकार्डिंग व डाटा एनालिसिस के अभाव में लाॅ एण्ड आर्डर स्थापित करने में कठिनाई होती है तथा कई बार देरी से कैमरो रिकार्डिंग मिलने पर समय सीमा में जांच भी पूर्ण नही हो पाती है।
इस स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए इन्दौर नगर पालिक निगम द्वारा मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 427 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए कम्युनिटी सर्विलेन्स उपनियम बनाये जा रहे है जिसके अन्तर्गत शहर में लगाये गये समस्त सी.सी.टी.वी कैमरों (सार्वजनिक अथवा निजी) को एक केन्द्रीय कमाण्ड एवं कन्ट्रोल रुम द्वारा निगरानी की जा सकेगा जिससे शहर में होने वाली कोई भी घटना दूघर्टना वारदात आदि के समय सी.सी.टी.वी की रिकार्डिंग यथा समय संबंधित एजेन्सियों को मिल सकेगी और तत्काल कार्यवाही हो सकेगी। उक्त स्थिति व जनसुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महापौर भार्गव द्वारा इन्दौर शहर में सामुदायिक सी.सी.टी.वी कैमरा सर्विलेन्स हेतु बायलाॅज होने वाली प्रथम एम.आय.सी. प्रस्तुत करने के लिए संबंधित को निर्देशित किया गया।
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