महापौर भार्गव ने मेहमानों के स्वागत के लिए दिया संदेश, बोले- प्रत्येक प्रवासी भारतीय दोबारा आए जरूर

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माता अहिल्याबाई के आशीर्वाद से हमारा इंदौर शहर देश ही नहीं अपितु विश्व में अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है। बात चाहे स्वच्छता की हो, संस्कृति की हो या स्वाद की, हमारा इंदौर शहर सदैव इन प्रतिमानों के लिए उत्कृष्ट रहा है, किन्तु इन सभी प्रतिमानों से भी ऊपर अगर हमारा इंदौर उत्कृष्ट माना जाता है तो वह है अपने अतिथि सत्कार के लिए…

जी हाँ! हमारे इंदौर शहर के लिए मेहमान भगवान का रूप हैं, और हम सभी पूर्ण निष्ठा, सेवा और समर्पण से हमारे अतिथियों का स्वागत-अभिनंदन करने के लिए जाने जाते हैं। इसीलिए हमारे क्षेत्र में यह कहा जाता है कि “ईश्वर होते है जिन पर मेहरबान, उन्हीं के दरवाज़े आते है मेहमान”।

साथियों! एक ऐसा ही सुअवसर “प्रवासी भारतीय सम्मेलन” के माध्यम से यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा हमारे इंदौर शहर को प्रदान किया गया है, जहाँ देश ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व से पधारे हमारे विशिष्ट महानुभावों का अतिविशिष्ट तरीके से स्वागत-अभिनंदन हमें करना है, किन्तु ये दायित्व केवल शासन-प्रशासन का ही नहीं है, बल्कि यह दायित्व प्रत्येक इंदौरी व्यक्ति का भी है।

हमारी स्वच्छता के प्रति मेहनत और लगन ने हमारे देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी को ये विश्वास दिलाया है कि हम इस प्रकार के भव्य आयोजनों को बड़ी ही कुशलता के साथ सम्पन्न कर सकते हैं और अब हमें ये बात साबित करना ही है कि केवल स्वच्छता ही नहीं बल्कि मेहमान नवाज़ी में भी हम ही है देश में नंबर 1 ।

इस उपलब्धि को अर्जित करने के लिए हमें बस कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना है जैसे कि हमारे आने वाले विशिष्ट मेहमान शहर के 87 इंदौरी परिवारों के घर रुकेंगे तथा वहीं से आयोजन स्थल तक आवागमन करेंगे। इस दौरान इंदौर के एक-एक नागरिक की यह नैतिक ज़िम्मेदारी बनती है कि नियम-अनुशासन का पालन, ट्रेफ़िक नियमों के अनुसार वाहन का परिचालन, स्वच्छता का विशेष ध्यान, नो थू-थू अभियान का अनुसरण, सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त एवं सबसे विशेष बात इस दौरान जो भी विशेष व्यवस्थाएं निर्मित की गई है उन सभी व्यवस्थाओं में हम सभी का पूर्ण सहयोग हों।

हमें एक बात का और विशेष ध्यान रखना है कि हमारे इस प्रवासी भारतीय सम्मेलन के मेहमानों की हम में से कई लोगों से बातचीत एवं मुलाकात भी होगी, अत: इस दौरान हमारा व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि इंदौर आने वाले प्रत्येक प्रवासी भारतीय ये सोचने और कहने पर मजबूर हो जाये कि मैं दोबारा फिर से इंदौर अवश्य आऊंगा।

मित्रों! एक महापौर होने के नाते मेरा दायित्व है कि इंदौर शहर और शहर का एक-एक नागरिक स्वच्छता ही नहीं अपितु संस्कार, व्यवहार और सत्कार में भी सम्पूर्ण विश्व में सिरमौर बने, आदर्श बने। यदि इस लक्ष्यप्राप्ति के लिए हम सभी बस थोड़ी सी मेहनत साथ-साथ मिलकर कर लें तो निश्चित ही हम यह उपलब्धि भी अवश्य ही अर्जित कर लेंगे।
इन्हीं शुभकामनाओं के साथ।