भोपाल : “ हमारे देश की 70% अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र पर आधारित है , इन तीन काले किसान विरोधी क़ानूनों से ना सिर्फ़ कृषि क्षेत्र व किसान बर्बाद होगा बल्कि इससे जुड़ा हर क्षेत्र बर्बाद होगा।केन्द्र सरकार को किसानो की माँग मानते हुए इन किसान विरोधी तीनो काले क़ानूनों को तत्काल वापस लेना चाहिये। आज किसान कड़ाके की ठंड में अपनी माँगो को लेकर पिछले 56 दिन से आंदोलन कर रहे है। अभी तक 60 से अधिक किसानो की मौत हो चुकी है लेकिन सरकार का अड़ियल व तानाशाही रुख़ बना हुआ है। सरकार तत्काल इन काले क़ानूनों को वापस ले।
कांग्रेस किसानो के हर संघर्ष में उनके साथ है , जब तक किसानो की माँगे मान नहीं ली जाती , तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा “ उक्त सम्बोधन आज पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मूरैना में आयोजित विशाल किसान खाट महापंचायत के दौरान दिया। श्री नाथ ने इस अवसर पर किसानो को इन तीनो काले क़ानूनों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार इन काले कानूनों से कृषि क्षेत्र का निजीकरण होगा ,मंडियां समाप्त हो जाएगी ,एमएसपी खत्म हो जाएगी और कृषि क्षेत्र और किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे।कांटेक्ट फॉर्मिंग के माध्यम से बड़े-बड़े औद्योगिक समूह किसानों को अपने जाल में फंसा कर बर्बाद कर देंगे।उन्होंने बताया कि किस प्रकार स्वर्गीय इंदिरा गांधी जी ने और कांग्रेस की सरकारों ने किसानों के हित में बड़े बड़े कदम उठाते हुए कई क्रांतिकारी निर्णय लिए।किस प्रकार इंदिरा जी ने पहले बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया ,फिर कृषि क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण किया।आज देश में सबसे बड़ा वर्ग किसान है।यह वही किसान है जिसने अपनी मेहनत से आज हमारे देश का सिर विश्व भर में गर्व से ऊंचा किया हुआ है।आज से 40-50 वर्ष पूर्व हम अनाज का आयात करते थे और आज इन किसानों की मेहनत के बदौलत ही हमारा देश इस स्थिति में पहुंच गया है कि आज हम अनाज का निर्यात करते हैं।आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने की है।
मध्यप्रदेश में हमारी सरकार बनी तो हमने कृषि क्षेत्र की इसी चुनौती को लक्ष्य बनाते हुए इस दिशा में कई क्रांतिकारी निर्णय लिए।हमें काम करने के लिये कुल साढ़े 11 माह ही मिले लेकिन हमने इन साढ़े 11 माह में भी 27 लाख किसानो का क़र्ज़ा माफ़ किया।यह खुद शिवराज सरकार ने विधानसभा में स्वीकारा है।हमने हमारी सरकार में ना सिर्फ डिफाल्टर किसानों का कर्ज माफ किया बल्कि चालू खाते वालों का भी कर्ज माफ कर एक इतिहास रचा।मैंने यह भी निर्णय लिया था कि हमारी सरकार आने पर हम मध्यप्रदेश में एमएसपी से कम खरीदी को अपराध वाला कानून लागू करेंगे।हमारी सरकार में किसानों की कर्ज माफी का दूसरा चरण चालू था और हम बचे हुए किसानों का भी कर्जा माफ करने वाले थे लेकिन सौदेबाजी व बोली से हमारी चुनी हुई सरकार गिरा दी गई।चाहता तो मैं भी सौदा कर सकता था लेकिन मैं मध्यप्रदेश की पहचान को सौदे की राजनीति से कलंकित नहीं करना चाहता था।हमने वोट से सरकार बनाई थी उन्होंने नोट से सरकार बनाई।उन्होंने हमें ऐसा प्रदेश सौंपा था जो किसानों की आत्महत्याओं में नंबर वन ,महिलाओं पर अत्याचार में नंबर वन ,बेरोजगार में नंबर वन था।हमने इसी पहचान को बदलने का काम किया ,हमने अपनी नीति व नीयत का परिचय दिया।मैंने प्रदेश की जनता को 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली प्रदान कर ,किसानों का बिजली बिल आधा कर ,कन्या विवाह की राशि बढ़ाकर ,सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि डबल कर ,माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर क्या कोई पाप गुनाह किया था ? शिवराज सरकार में आज प्रदेश में कोई निवेश करने को तैयार नहीं होता ,जितने उद्योग लगते नहीं ,उससे ज्यादा बंद हो जाते हैं।
आज मासूम बहन-बेटियां सबसे ज्यादा दरिंदगी का शिकार हो रही है।हमारी सस्ती बिजली की इंदिरा ग्रह ज्योति योजना से मध्यमवर्गीय परिवारों को बाहर करने की तैयारी की जा रही हैं। आप सभी से निवेदन है कि आप भले कांग्रेस का साथ मत देना लेकिन सच्चाई का साथ ज़रूर देना।सच्चाई ही आपका भविष्य सुरक्षित रख सकती है,हम इस किसान महापंचायत के माध्यम से सच्चाई की ही लड़ाई लड़ रहे हैं।
देश का भविष्य युवा और किसान ही सुरक्षित रख सकते हैं लेकिन भाजपा इन वर्गों की सबसे बड़ी विरोधी है। सभी ने एक स्वर से इन किसान विरोधी काले क़ानूनों को वापस लेने की माँग की , जब तक इन काले क़ानूनों को वापस नहीं लिया जाता , तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह , पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री सुरेश पचौरी , अरुण यादव , अजय सिंह , सज्जन वर्मा , गोविंद सिंह , के.पी सिंह ,दिनेश गुर्जर , राकेश मवई सहित अन्य वरिष्ठजन व हज़ारों किसान भाई उपस्थित थे।
नरेन्द्र सलूजा
मीडिया समन्वयक