इंदौर। महामारी के इस समय में मानव जीवन के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। ऐसे समय में मास्क ही है जो हमारी जिंदगी की रक्षा कर रहा है। इस बात को ध्यान में रखकर लोगों में इसके प्रति जागरुकता का संचार करने के लिए ‘मधुमेह चौपाल” क्लिनिक द्वारा 13 नवंबर, शुक्रवार सुबह शहर के कई क्षेत्रों में आठ हजार मास्क का वितरण किया गया । वितरण कार्यक्रम से पहले डॉ. संदीप जुल्का द्वारा इंदौर के पुलिसकर्मियों के लिए डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र को 1000 मास्क दिए गए। ताकि मास्क उपलब्ध करवाकर उन्हें सुरक्षित रखा जा सके। इस बार विश्व मधुमेह दिवस दिवाली पर आने की वजह से ‘मधुमेह चौपाल” द्वारा इसे एक दिन पहले शहर के मुख्य मजदुर चौराहो पर मजदूरों को मास्क वितरित कर साथ ही मास्क का महत्व बता कर इस दिन को सार्थक बनाया गया।
डॉ. संदीप जुल्का ने दुनिया के प्रतिष्ठित मेडिकल जनरल में प्रकाशित समाचार का हवाला देते हुए कहा कि उक्त जनरल में स्पष्ट किया गया कि अगले चार महीने तक अमेरिका में सभी मास्क पहनें तो वहां के करीब एक लाख लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकता है। वहां के संख्यात्मक आंकडों के साथ इस पर प्रकाश डालते हुए मास्क का महत्व बताया गया। भारत में जनसंख्या ज्यादा है और अगर यहां भी हर व्यक्ति मास्क लगाए तो बड़ी संख्या में लोगों को बचाया जा सकता है। इसलिए खुद को एवं दूसरों को सुरक्षित रखना है तो हर हाल में मास्क पहनना जरूरी है।
हर पल मास्क पहना, आठ महीने तक कोरोना पेशेंट देखने के बावजूद सुरक्षित
डॉ. संदीप जुल्का ने कहा कि कोरोना के शुरुआती दौर से अब तक हम अस्पताल में कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। हर रोज कई मरीजों से मिलते हैं, लेकिन ईश्वर की कृपा से मैं और मेरी टीम के सभी सदस्य पूरी तरह सुरक्षित हैं। क्योंकि सभी ने हर पल मास्क पहना। निश्चित रूप से कई पॉजिटिव मरीज हर दिन हमारे संपर्क में आए, लेकिन मास्क ही था जिसके कारण कोरोना हमें अपना शिकार नहीं बना पाया। मास्क का मतलब है ‘मेरा अपना सुरक्षा कवच” ।
मास्क ऐसी वैक्सीन, जिसे हमेशा साथ रखा जा सकता है
कोरोना की वैक्सीन को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इसकी दवाई जब भी आएगी, सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्कर्स को दी जाएगी। यानी डॉक्टर्स, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, पुलिसकर्मी, प्रशासनिक अधिकारी आदि को यह सबसे पहले दी जाएगी। यह भी कहना मुश्किल है कि कितने समय तक वैक्सीन का असर होगा और कितने दिन में सभी तक इसे पहुंचाया जा सकेगा। ऐसे मेें हमारे हाथों में यह है कि हम मास्क, हैंड हाइजिन और सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति गंभीर रहें। जरूरी है कि मास्क पहनें। यह वो वैक्सीन है जो हर समय हमारे साथ रहती है और इसे लगाकर हम खुद की और दूसरों की जान की रक्षा कर सकते हैं।
कोरोना और डायबिटिज के बीच गहरा संबंध, विशेष सावधानी रखकर सुरक्षित रहें
डायबिटिज के मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए डॉ. जुल्का ने कहा कि हमारे क्लिनिक ‘मधुमेह चौपाल” की स्थापना एक साल पहले हुई थी। पहली वर्षगांठ पर जनता में मास्क के प्रति जागरुकता लाने के लिए आठ हजार मास्क वितरित किए जा रहे हैं। ताकि लोग मास्क पहनें और सुरक्षित रहें। कोरोना और डायबिटिज में गहरा संबंध है। इस बीमारी के मरीज कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। जो पहले से डायबिटिक होते हैं कोरोना से उनकी जान पर खतरा बढ़ जाता है जबकि जिन्हें डायबिटिज नहीं होती वो भी कोरोना के कारण इसका डायबिटिक हो सकते हैं क्योंकि उन्हें लगातार स्टेरॉयड दिए जाते हैैं। कोरोना अदृश्य शत्रु है जिससे खुद को बचाने और दूसरों की जान को सुरक्षित रखने के लिए मास्क पहनें। आज के समय में मास्क पहनना सिर्फ खुद की रक्षा नहीं बल्कि समाज सेवा की तरह है। इसलिए हमेशा मास्क पहनें और अनूठी समाज सेवा और देश सेवा में योगदान दें।