इस बार रोहिणी में तीव्र गर्मी होने की संभावना है। दरअसल, इस बार मंगल का शनि से षड़ाष्टक योग और सूर्य से द्विद्वाशक योग पृथ्वी का तापमान बढ़ाकर गर्मी का प्रकोप तेज करेंगे। बता दे, इस बार मंगल मिथुन राशि में है और इससे अष्टम शनि मकर राशि में है। ऐसे में शनि से षष्ठम मंगल है। इसलिए मिथुन के मंगल से वृषभ राशि का द्वादश सूर्य है। यह ग्रह योग गर्मी में वृद्धि करने वाला साबित होगा।
वहीं इस साल मेष संक्रांति के प्रवेश समय पर चंद्र नक्षत्र भरणी होने से रोहिणी का वास समुद्र तट पर है- तटे वृष्टि सुशोभना। ऐसे में रोहिणी का वास समुद्र तट पर तथा समय का वास रजक के घर होगा। जिसकी वजह से स्थिति वर्षा ऋतु में उत्तम वृष्टि का संकेत दे रही है। इसलिए 80 फीसद से अधिक बारिश होने के योग बन रहे हैं।
ज्योतिषों के अनुसार, सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में गोचर 25 मई को दोप 1:04 बजे से प्रारंभ होगा। सूर्य लगभग प्रत्येक 15 दिनों में एक नक्षत्र का भोग कर लेता है। ऐसे में रोहिणी नक्षत्र में इसके भ्रमण को नौतपा कहा जाता है। ये इसलिए क्योंकि इस नक्षत्र में जब सूर्य आता है तो पृथ्वी के ताप में वृद्धि होती है।
ज्योतिषी ने बताया कि सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 8 जून को प्रात: 8:49 बजे तक रहेगा। इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा। इस संपूर्ण भ्रमणकाल के प्रारंभिक नौ दिन अत्यधिक गर्मी वाले रहते हैं, इसलिए इसे नौतपा कहा जाता है। नक्षत्र मेखला की गणना के अनुसार इस बार रोहिणी का वास समुद्र तट पर रहेगा जो उत्तम वर्षा के योग बना रहा है।