एक दर्जन कारोबारियों की मौत के बाद दहशत में बाजार, दुकानदारों ने लगाए नोटिस

Akanksha
Updated on:
corona

इन्दौर। प्रशासन ने इन्दौर में कोरोना संक्रमण पर काफी हद तक काबू पा लिया था, मगर बाद में नेताओं और कारोबारियों के दबाव के चलते सारे बाजार खुलवाए गए। खासकर पश्चिमी क्षेत्र यानी मध्य क्षेत्र के बाजारों को पहले आड-ईवन और फिर लैफ्ट राइट फार्मूले से खुलवाया था, मगर उसे भी बंद कर दिया। नतीजतन इन इलाकों में तेजी से संक्रमण फैला। बीते तीन‑चार दिनों मे ही एक दर्जन कारोबारियों की मौत होनेसे बजारो में दहशत छा गई, नतीजतन अब कई व्यापारियों ने स्वैच्छिक लॉकडाऊन अपनाना शुरू कर दिया और सोशल मीडिया पर 108 घंटे लॉकडाउन रखने के मैसेज भी चलाए जा रहे है। सराफा, क्लाथ मार्केट में तो कई दुकानदारों ने स्वैच्छिक लॉकडाउन की सूचना भी चस्पा कर दी।
इन्दौर में मार्च- अप्रैल में संक्रमण ज्यादा था, तब कलेक्टर मनीष सिंह सख्त लॉकडाउन लागू किया और फिर 1 जून से अनलॉक की प्रक्रिया प्रतिबंधों के बाद शहर को धीरे-धीरे खोलने का सिलसिला शुरू किया, लेकिन तमाम व्यापारिक संगठनों और राजनेताओं के दबाव के चलते बाजारों को खोला गया, सबसे ज्यादा चिंता राजबाड़ा, क्लाथ मार्केट, सराफा, जेलरोड, मारोठिया और अन्य घने क्षेत्रों को लेकर थी, जहां संक्रमण तेजी से फैल सकता था। यही कारण है कि कलेक्टर ने इन बाजारों में पहले आड-इवन, उसके बाद लैफ्ट राइट का फार्मूला भी लागू किया। लेनिक काम कारोबार होने और राखी सहित अन्य त्यौहार का हवाला देकर पूरे दिन सारे बाजार खुला दिए। इधर संक्रमण तेजी से फैलना लगा और रोजाना तीन सौ मरीज निकल रहे हैं और बड़ी संख्या में व्यापारी और उनके परिजन चपेट में आने लगे। अभी सराफा व्यापारी एसो. की बैठक भी कल हुई, जिसमें स्वैच्छिक लॉकडाऊन या लैफ्ट राइट फार्मूले को अपनाने पर चर्च की गई, लेकिन एमजी रोड, पाटनीपुरा, परदेशीपुरा के सराफा कारोबारी अभी तैयार नहीं हुए, इसलिए कोई निर्णय नहीं लिया जा सके। लेकिन सराफा के भगवती चेंबर के व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखने का निर्णय लिया। इसी तरह क्लाथ मार्केट की भी कई दुकानों के बाहर स्वैच्छिक लॉकडाऊन के नोटिस कुद व्यापारियों ने चस्पा कर दिए है, वहीं सोशल मीडिया पर भी 9 सितम्बर यानी आज शाम 7 बजे से 14 सितम्बर सोमवार सुबह 7 बजे तक 108 घंटे के स्वैच्छिक लॉकडाउन के मैसेज भी अपील के साथ चलाए। दरअसल अभी एक दर्जन पश्चिमी क्षेत्र के ही कारोबारियों की मौत बीते तीन चार दिनों में हो गई। इसके चलते सभी कारोबारी और उनके परिजन दहशत में आ गए हैं और स्वैच्छिक लॉकडाउन की पहल शुरू की गई।
सख्ती पर पीली गैंग का आतंक और अंडे के ठेले को पलटाने की फर्जी खबरे सोशल मीडिया पर
एक तरफ फ्रशासन ने जहां बाजारों में खुलवनाने में सख्ती बरती, वहीं संक्रमण रोकने के लिए मास्क न पहनने, भीड़ इक्टठी करने वालों के खिळाफ जुर्माने के साथ‑साथ प्रतिबंध भी लगाया गया। मंडी और सिंधी कालोनी को कुछ दिनों के लिए कलेक्टर ने बंद भी किया, लेकिन कारोबारी और नेताओं ने इसका भी विरोध किया। और निगम की चालनी कार्रवाई का विरोध पीली गैंग के आतंक के रूप मेें सोशल मीडिया पर जमकर चलाया, इसमें एक अंडे के ठेले को पलटाने वाला वीडियो भी खूब सुर्खिय में रहा। इसके कोई प्रमाण आज तक नहीं मिले। निगम के कर्मचारियों ने ठेले को पलटाया। इसके चलते प्रशासन ने चालानी कार्रवाई रुकवा दी, लेकिन 56 दुकान का वीडियो और कलश यात्राओं के कारण फिर चालानी कार्रवाई निगम ने शुरू करवाई और कल 1178 के खिलाफ स्पाट फाइन ठोका और 2 लाख 12 हजार रुपये क राशि वसूल की गई, वहीं कलश या्तराओं के मामले में भी भाजपा नेताओं के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए।