महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन: अब तक 25 लोगों ने की आत्महत्याएं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सर्वदलीय बैठक आज

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मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के समर्थन में चल रहे आंदोलन में हिंसक घटनाएं बढ़ रही हैं, और अब तक 8 जिलों तक पहुंच गयी हैं। आरक्षण के लिए मांग करने वाले लोगों ने आत्महत्या कर ली, और 9 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच 25 लोगों ने अपनी जान दे दी है। यह आंकड़ा 1990 के मंडल आंदोलन के समय हुई आत्महत्याओं के आंकड़ों के बाद सबसे अधिक है।

सरकार की रिपोर्ट को मंजूरी:
आंदोलन के दौरान 8 जिलों में हिंसक घटनाएं घटी हैं। महाराष्ट्र सरकार ने आंदोलनकारियों के मांगों को खारिज कर दिया है। आरक्षण के लिए आंदोलन के नेता मनोज जारंगे ने सरकार से कर्फ्यू लगाने की मांग की है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में जस्टिस संदीप शिंदे समिति की अंतरिम रिपोर्ट को मंजूरी दी गई है। सरकार ने मराठा आरक्षण की हड़ताल की मांग को खारिज कर दिया है।

आंदोलन से प्रभावित शहर:

आंदोलन से प्रभावित शहरों में आगजनी की घटनाएं घटी हैं। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस पर आंदोलनकारियों ने 6 किलोमीटर लंबा जाम लगा दिया। बीड, माजलगांव, उस्मानाबाद, और जालना जैसे शहरों में भी आंदोलन जारी है।

यह घटनाएं दिखाती हैं कि महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन और सरकार के बीच तनाव बढ़ रहा है और आंदोलनकारियों की मांगों को लेकर सरकार से चर्चा जारी है.