मध्यप्रदेश में आवास योजना में बड़ा घोटाला होने का मामला सामने आया है. सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे लोग भी हैं, जो कार-बाइक और स्कूल तक के मालिक हैं, बावजूद इसके उन्होंने पीएम आवास योजना का लाभ लिया. इतना ही नही अधिकांश अधिकारी कर्मचारियों ने भी डमी नामों से मकान को खरीद कर किराए पर उठा दिया.
सीएजी की रिपोर्ट में नगरीय प्रशासनए पंचायती राज विभाग सहित और भी कुछ विभागों की योजनाओं का ब्यौरा है. इनमें पंचायती राज संस्थाओं की कार्यप्रणालीए जवाबदेही तंत्र और वित्तीय प्रतिवेदित प्रकरणों की रिपोर्ट में पांच साल का ब्यौरा है. रिपोर्ट में कई गड़बडिय़ां उजागर हुई है.
वहीं सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 से 2021 के दौरान मध्य प्रदेश में पीएम आवास योजना में अपात्रों को भी योजना का लाभ दिया गया, जबकि कई मामलों में तो एक-एक परिवार को तीन-तीन बार पीएम आवास योजना का लाभ दिया गया है. रिपोर्ट में बात सामने आई है कि आर्थिक तौर से मजबूत कई लोगों ने इस योजना का गलत फायदा उठाया है.
मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रस्तुत सीएजी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में कुल स्वीकृत आवासों में से 18 फीसदी यानि 4.64 लाख मकान अधूरे हैं. 15 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि अपात्रों को दी गई है. जबकि रिपोर्ट में बताया गया है कि एक ही परिवार को दो से 3 मकान तक दे दिए गए हैं.