जेल से मनीष सिसोदिया ने लिखा पत्र, PM मोदी की पढ़ाई पर खड़ा किया सवाल, जानिए लेटर में क्या-क्या लिखा 

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नई दिल्ली। शराब नीति घोटाल में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पढ़े लिखे होने का सवाल उठाया है। मनीष सिसोदिया ने पत्र में पीएम मोदी की शिक्षा पर उठाए सवाल हैं। उन्होंने लिखा कि, प्रधानमंत्री का कम पढ़ा लिखा होना देश के लिए बेहद खतरनाक है।

मनीष सिसोदिया के इस पत्र को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपने ट्विटर पर शेयर किया है उन्होंने लिखा, मनीष सिसोदिया ने जेल से देश के नाम चिट्ठी लिखी – प्रधानमंत्री का कम पढ़ा-लिखा होना देश के लिए बेहद ख़तरनाक। मोदी जी विज्ञान की बातें नहीं समझते। मोदी जी शिक्षा का महत्व नहीं समझते। पिछले कुछ वर्षों में 60,000 स्कूल बंद किए। भारत की तरक़्क़ी के लिए पढ़ा-लिखा पीएम होना ज़रूरी।

 

मनीष सिसोदिया ने अपने पत्र में लिखा, तिहाड़ जेल से प्यारे देशवासियों के नाम मेरा पत्र- आज हम सभी सदी में जी रहे हैं। दुनिया भर में विज्ञान और टेक्नोलॉजी में हर रोज नई तरक्की हो रही है। सारी दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात कर रही है। ऐसे में जब मैं प्रधानमंत्री जी को यह कहते हुए सुनता हूं कि गंदे नाले में पाइप डालकर उसकी गंदी गैस से चाय या खाना बनाया जा सकता है, तो मेरा दिल बैठ जाता है।

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क्या नाली की गंदी गैस से चाय या खाना बनाया जा सकता है? नहीं। जब प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि बादलों के पीछे उड़ते जहाज को रडार नहीं पकड़ सकता तो पूरी दुनिया के लोगों में वह हास्य के पात्र बनते हैं। स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चे उनका मजाक बनाते हैं। उनके इस तरह के बयान देश के लिए बेहद खतरनाक है। इसके कई नुकसान है। जैसे- पूरी दुनिया को पता चल जाता है कि भारत के प्रधानमंत्री कितने कम पढ़े लिखे हैं और उन्हें विज्ञान की बुनियादी जानकारी तक नहीं है दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष जब प्रधानमंत्री जी से गले मिलते हैं तो एक-एक झप्पी की भारी कीमत लेकर चले जाते हैं। बदले में ना जाने कितने कागजों पर साइन करवा लेते हैं।

क्योंकि प्रधानमंत्री जी तो समझ ही नहीं पाते क्योंकि वह तो कम पढ़े लिखे हैं आज देश का युवा aspirational है वह कुछ करना चाहता है वह अफसर की तलाश में है वह दुनिया जीतना चाहता है साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वह कमाल करना चाहता है। क्या एक कम पढ़ा लिखा प्रधानमंत्री आज के युवा के सपनों को पूरा करने की क्षमता रखता है।

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उन्होंने आगे लिखा, हाल के वर्षों में देश भर में 60000 सरकारी स्कूल बंद कर दिए गए क्यों। एक तरफ देश की आबादी बढ़ रही है, तो सरकारी स्कूलों की संख्या तो पढ़नी चाहिए थी अगर सरकारी स्कूलों का स्तर अच्छा कर दिया जाता तो लोग अपने बच्चों को प्राइवेट से निकालकर सरकारी स्कूलों में भेजना शुरु कर देते जैसा कि अब दिल्ली में होने लगा है लेकिन देशभर में सरकारी स्कूलों का बंद होना खतरे की घंटी है इससे पता चलता है कि शिक्षा सरकार की प्राथमिकता है ही नहीं अगर हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं देंगे तो क्या भारत तरक्की कर सकता है कभी नहीं।