श्रावण पूर्णिमा में मनेगा रक्षाबंधन पर्व…इस साल राखी पर नहीं है भद्रा का साया

Akanksha
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इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व तीन विशेष और लाभकारी योग के बीच मनाया जाएगा..इस वर्ष 22 अगस्त,रविवार को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा…धर्म के जानकारों की मानें तो इस बार रक्षाबंधन पर्व पर श्रावण पूर्णिमा, धनिष्ठा नक्षत्र और शोभन योग का शुभ संयोग निर्मित हो रहा है…. शास्त्रों और ज्योतिष में इन संयोग को बेहद शुभ और अति उत्तम माना गया है..जबकि इस साल रक्षाबंधन पर्व पर भद्रा का साया भी नहीं है…धर्माचार्य श्री विजय व्यास के अनुसार रक्षाबंधन के दिन बनने वाले ये तीन खास संयोग भाई-बहन के लिए भी शुभ और कल्याणकारी साबित होंगे।

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास की पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त को शाम 7 बजे से प्रारंभ हो रही हैं। वहीं इसका समापन 22 अगस्त को शाम 5 बजकर 31 मिनट पर होगा। उदयातिथि 22 अगस्त को प्रात: है, इसलिए रक्षाबंधन 22 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन इस बार भद्रा का साया नहीं होने से बहनें पूरे दिन स्नेह की डोर से भाइयों की कलाइ को रक्षा सूत्र से सजा सकेगी..इस दिन प्रात: 6 से शाम 5 बजकर 31 मिनट के मध्य बहनें कभी भी राखी बांध सकती हैं। 22 अगस्त को सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक शोभन योग बना हुआ है। शोभन योग को मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है।

इस योग में शुरू की गई यात्रा भी अत्यंत सुखद और मंगलकारी होती है. …इस समय काल में आप यात्रा करके बहन के यहां भी जाते हैं तो यह शुभकारी रहेगा। रक्षाबंधन पर दूसरा योग बन रहा है धनिष्ठा नक्षत्र का। रक्षा बंधन के दिन धनिष्ठा नक्षत्र शाम को 07 बजकर 40 मिनट तक है। धनिष्ठा का स्वामी ग्रह मंगल है। धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे लोगों का अपने भाई और बहन से विशेष प्रेम होता है। इस आधार पर रक्षाबंधन का धनिष्ठा नक्षत्र में होना, भाई और बहन के आपसी प्रेम को बढ़ाने वाला होगा ।

22 अगस्त को राखी बांधने के लिए 12 घंटे 11 मिनट रहेंगे शुभ। आमतौर पर भद्रा के कारण बहनों को राखी बांधने के लिए समय कम ही मिलता रहा है। इस बार भद्रा नहीं होने से राखी बांधने के लिए 12 घंटे और 11 मिनट की अवधि का दीर्घकालीन शुभ मुहूर्त है। राखी सुबह 5 बजकर 50 मिनट से शाम 6 बजे तक कभी भी बांधी जा सकेगी