इंदौर मालवा उत्सव का आगाज 9 मई 2023 को सायंकाल 4:00 बजे होगा जिसमें विभिन्न प्रदेशों से आए शिल्पकार एवं लोक नृत्य की प्रस्तुति देने आए 450 से अधिक लोक कलाकार शामिल होंगे यह उत्सव 9 मई से 15 मई तक लालबाग परिसर पर आयोजित होगा।
जनजातीय एवं लोक नृत्यो से सजेगा मालवा उत्सव
लोक संस्कृति मंच के संयोजक एवं सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इस वर्ष यह उत्सव जनजाति नृत्यो, लोक नृत्यो के साथ जनजाति कला की छाप लिए होगा ।जनजाति समूह गौंड, कर्मा, आदिवासी ,बरेदी, कोरकु आदि के साथ ,मालवा की मटकी, छत्तीसगढ़ का नौरता गुजरात का गरबा रास सहित पूर्व से लेकर पश्चिम तक एवं उत्तर से लेकर दक्षिण तक की संस्कृति एवं लोकलुभावन नृत्यों की प्रस्तुतियां प्रतिदिन लालबाग परिसर पर देखने को मिलेगी। मालवा उत्सव मे संपूर्ण भारत के लोक कलाकारों व शिल्प कारों का संगम देखने को मिलता है ।मंच पर मालवा के लोक कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा।
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कोपेश्वर मंदिर के स्तंभों के रूप में नजर आएगा मंच
लोक संस्कृति मंच के सचिव दीपक लवंगडे ने बताया कि मालवा उत्सव का यह मंच महाराष्ट्र के कोल्हापुर के निकट खिद्रापूर का कोपेश्वर शिव मंदिर जो वास्तविकता में चालुक्य देवालय वास्तु कला का एक बेहतरीन नमूना है ।इस पूरे मंदिर में स्वर्ग मंडप बना हुआ है जिसमें अनेक स्तंभ बने हुए हैं जो वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है इन्हीं स्तंभों एवं मंदिर के रूप में सजे मंच पर लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे
शिल्प मेले में आएंगे 350 से अधिक शिल्पी
लोक संस्कृति मंच के सतीश शर्मा एवं पवन शर्मा ने बताया कि इस वर्ष जनजाति कला के साथ देशभर की कला प्रदर्शित करने लगभग 350 शिल्पकार इस उत्सव में अपनी कलाकृतियां लेकर आएंगे उत्तर प्रदेश हरियाणा राजस्थान उड़ीसा अरुणाचल प्रदेश नागालैंड मिजोरम आसाम आंध्र प्रदेश छत्तीसगढ़ पंजाब उत्तरांचल हिमाचल के कलाकार अपनी कला की छटा यहां बिखेरेगे शिल्प मेले में मिट्टी शिल्प, गलीचा शिल्प ,टेराकोटा ,ड्राई फ्लावर ,केन फर्नीचर, कपड़ा शिल्प, पीतल शिल्प, लौह शिल्प प्रमुख रूप से उपलब्ध रहेंगे।
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गुजरात पवेलियन रहेगा आकर्षण का केंद्र ट्राइबल मेला लगेगा
लोक संस्कृति मंच के विशाल गिदवानी , रितेश पाटनी एवं रितेश पिपलिया ने बताया कि गुजरात सरकार के सहयोग से इंडस्ट्रियल एक्सटेंशन कॉटेज द्वारा इस वर्ष मालवा उत्सव में गुजरात के प्रसिद्ध हैंडीक्राफ्ट एवं हैंडलूम के स्टालो की श्रंखला लगाई जा रही है जिसमें पटोला, शॉल, कुची एंब्रॉयडरी, अजरख ब्लॉक प्रिंट, बंधेज, जरी जरदोसी, मोती के आइटम ,चनिया चोली, तोरण बंधनवार ,लेदर एवं वुडन आर्टिकल्स, मेटल के क्राफ्ट ,नेल पेंटिंग, ज्वेलरी एवं एसेसरीज, कॉपर बेल आदि यहां मिलेंगे। इस हेतू 50 स्टॉल लगाए जा रहे हैं। साथ ही सुदूर आदिवासी अंचलों से जनजाति शिल्पकारो द्वारा बनाई गई ट्राइबल अंचल की आइटम अभी यहां पर देखने एवं खरीदने को मिलेगी।
मालवा उत्सव प्रतिदिन सायंकाल 4:00 बजे से प्रारंभ होगा वही लोक नृत्यों की प्रस्तुति सायंकाल 7:00 बजे से होगी 9 मई को गरबा रास भील भगोरिया, मटकी हुडो रास, प्राचीन गरबा शादी नृत्य होंगे। मालवा के व्यंजनों की मिठास भी यहां पर मिलेगी और देश के दक्षिण भारतीय व्यंजन, महाराष्ट्रीयन व्यंजन, पंजाबी ढाबा भी यहां पर होगा। विभिन्न समितियों का गठन कर के आयोजन को सफल बनाने के लिए कंचन गिद्वानी, मुद्रा शास्त्री, संध्या यादव, नितिन तापड़िया, कमल गोस्वामी, संकल्प वर्मा ,कपिल जैन, रितेश पिपलिया ,जुगल जोशी, एकता मेहता आदि को व्यवस्थाएं सौंपी गई है।