भारत विरोधी मालदीव की मुइज्जू सरकार पर संकट के बादल मड़राने लगें हैं। संसद में चल रहे सत्र में जमकर हंगामा हुआ है । इतना ही नही विपक्ष आगामी 3 माह के अंदर महाभियोग भी लाने वाली है। हंगामा तब शुरू हुआ जब राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कैबिनेट में चार मंत्रियों को शामिल करने बात पर शुरू हुई। बहस बढ़कर धक्कामुक्की तक पहुंची और फिर सत्ता और विपक्षी सांसदों के बीच हाथापाई हो गई।
वहीं ससंद में हुए घटनाक्रम पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सत्तापक्ष की पार्टियों के गठबंधन ने कहा कि विपक्ष का मंत्रियों को मंजूरी देने से इंकार करना जनता की सेवाओं में खुलेआम बाधा डालने जैसा है। मंत्रियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किए बिना और उन्हें कोई अवसर देने से पहले विरोध समझ से परे है। गठबंधन ने कहा कि राजनीतिक दल राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त मंत्रियों को मंजूरी देने देने के लिए बाध्य हैं।
आपको बता दें मोहम्मद मुइज्जू सरकार में आने के बाद से ही भारत विरोधी फैसला ले रहें हैं। कुछ समय पहले ही भारत के जवानों को मालदीव से बाहर जाने की डेडलाइन दे दिए थे । चीन की नजदीकियों ने मालदीव को डुबाने का कार्य कर रही है।विपक्षी नेताओं ने भारत के साथ बिगड़ते संबंधों को लेकर भी लगातार मोहम्मद मुइज्जू पर निशाना साधा है। मालदीव में विपक्ष की ज्यादातर पार्टियों को भारत के प्रति नरम रुख रखने वाली माना जाता है। विपक्षी एमडीपी ने मुइज्जू सरकार के भारत के प्रति रुख पर सार्वजनिक तौर पर चिंता जताई थी।
गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में जब मुइज़्ज़ू सरकार में मंत्रियों ने पीएम मोदी की लक्षद्वीप की तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थीए तब भी मालदीव के विपक्षी नेताओं ने भारत का साथ दिया थाण् इन नेताओं ने तब कहा था कि आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मंत्रियों को सस्पेंड करना काफ़ी नहीं होगाण् सरकार को भारत से औपचारिक तौर पर माफ़ी मांगनी चाहिएण् इस बीच एमडीपी के कम से कम 12 सांसद सत्तारूढ़ पीपल्स नेशनल कांग्रेस में शामिल हो गए हैंए जिससे विधायिका में इनकी संख्या बढ़ गई हैण्