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सुख-शांति चाहते हो तो ये बदलाव जरूर अपनाए : वास्तु टिप्स
Posted on: 15 Jun 2018 11:39 by shilpa
वास्तु टिप्स पूजाघर के लिए
ईश्वर दुनिया के हर कण में व्याप्त है और वे हमेशा सबका कल्याण ही करेंगे .सभी दिशाओं के स्वामी भी भगवान ही है और सब दिशाओं का अपना अपना एक महत्व है. और हम अगर उसके अनुसार कुछ बदलाव करते है तो जीवन में बड़ी उपलब्धियां प्राप्त कर सकते है. अत: आवश्यक है कि पूजा स्थल बनवाते समय भी वास्तु के कुछ नियमों का ध्यान रखा जाए.
6.पूजा घर शौचालय के ठीक ऊपर या नीचे न हो. पूजा घर का रंग स़फेद या हल्का क्रीम होना चाहिए.
7. घर में दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, दो सूर्य-प्रतिमा, तीन देवी प्रतिमा, दो द्वारका के गोमती चक्र और दो शालिग्राम का पूजन करने से गृहस्वामी को अशान्ति प्राप्त होती है.
8. भूल से भी भगवान की तस्वीर या मूर्ति आदि नैऋत्य कोण में न रखें. इससे बनते कार्यों में रुकावटें आती हैं.
9. मंदिर की ऊंचाई उसकी चौड़ाई से दुगुनी होनी चाहिए.पूजा स्थल के लिए भवन का उत्तर पूर्व कोना सबसे उत्तम होता है.
10.शयनकक्ष में पूजा स्थल होना ही नहीं चाहिए. अगर जगह की कमी के कारण मंदिर शयनकक्ष में बना हो तो मंदिर के चारों ओर पर्दे लगा दें. इसके अलावा शयनकक्ष के उत्तर पूर्व दिशा में पूजास्थल होना चाहिए.
11. ब्रह्मा, विष्णु, शिव, सूर्य और कार्तिकेय, गणेश, दुर्गा की मूर्तियों का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए कुबेर, भैरव का मुंह दक्षिण की तरफ़ हो, हनुमान का मुंह दक्षिण या नैऋत्य की तरफ़ हो.
और हा उग्र देवता जैसे माँ काली की स्थापना घर में न करे .