Makar Sankranti 2024 Date: नव वर्ष का आगाज हिंदू पंचांग के अनुरूप मकर संक्रांति के साथ ही होता है, जो एक प्रमुख और बड़ा त्यौहार है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है और मनुष्य इस दिन दान-पुण्य करने पर खासकर अधिक महत्व देते हैं। मकर संक्रांति का तात्पर्य होता है ‘मकर राशि में संप्राप्ति’ और इसे हिंदी पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति को पृष्ठीय समर्पण और न्यू एनर्जी के संचार के रूप में मनाना चाहिए। इस अवसर पर विभिन्न इलाकों में व्यक्ति खिचड़ी, तिल-गुड़, रेवड़ी, खीर, और अन्य स्वादिष्ट विषयों की तैयारी करके मिलकर बड़े धूमधाम से मनाते हैं।
हमारे सनातन धर्म में मकर संक्रांति को नया आरंभ, सत्य, और शुभारंभ का सूचक माना जाता है। इस दिन का सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि सूरज देवता अपने उत्तरायण में मकर राशि में गोचर करते हैं, जिससे धरती पर शुभ संदेशों सहित हंसी खुशी का बेहद ज्यादा शुभ संचार होता है। मकर संक्रांति के दिन दान करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके माध्यम से लोग सामाजिक सेवाएं और परोपकारी कार्यों में योगदान करते हैं, जिससे समाज में एकता और समरसता की भावना बढ़ती है। इस दिन को अलग अलग स्वरूपों में देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है, जैसे कि पोंगल तमिलनाडु, माघ बिहु असम, उत्तरायण गुजरात, और खिचड़ी बनाकर खासकर उत्तर भारतीय राज्यों में।
मकर संक्रांति को बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी श्रेणी के लोग खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं, जिससे इसे एक सामाजिक और परंपरागत त्यौहार भी कहा गया है। इस दिन को धार्मिक, सांस्कृतिक, और नियमानुसार मनाने का आनंद लें, जिससे नए वर्ष की शुरुआत हो सके और जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता आएं।
मकर संक्रांति 2024 डेट
मकर संक्रांति के आसपास इस बार भी तारीख के विषय में कंफ्यूजन देखने को मिल रहा है, जैसा कि बीते वर्ष हुआ था। इस साल 14 जनवरी की जगह 15 जनवरी को ही मकर संक्रांति मनाई जाएगी। मकर संक्रांति का अर्थ होता है ‘मकर राशि में प्रवेश’ और इसे हिंदी पंचांग के अनुसार सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जिससे धरती पर शुभ अंशों का संचार होता है। हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इस बार तिथि में विशेषता है और लोगों में कंफ्यूजन बढ़ा रही है। मकर संक्रांति का यह त्योहार हिंदू पर्वों में महत्वपूर्ण है, क्योंकि सूर्य देवता इस दिन मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इससे खरमास का महीना समाप्त होता है। इससे पहले खरमास के दौरान लोगों को शादी-विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों में रोक लगी थी, लेकिन इसके समाप्त होने के बाद मंगल कार्य फिर से प्रारंभ हो जाएंगे।
सूर्य देवता के मकर राशि में प्रवेश के बाद खरमास की समाप्ति का माहौल बन रहा है और लोग नए आरंभ के लिए तैयार हो रहे हैं। इस अवसर पर लोग धार्मिक अनुष्ठान, दान-पुण्य, और सामाजिक कार्यों में योगदान करते हैं और इसे धूमधाम से मनाते हैं। इस विशेष त्योहार को भारतवर्ष में विभिन्न नामों से मनाया जाता है, जैसे कि उत्तरायण, पोंगल, मकरविलक्कु, माघ बिहु, और खिचड़ी, लेकिन इसका सामंजस्यक अर्थ यही है कि सूर्य देवता ने मकर राशि में प्रवेश किया है और नया आरंभ हुआ है।
मकर संक्रांति 2024 स्नान-दान शुभ मुहूर्त
सूर्य का मकर राशि में गोचर– 15 जनवरी को प्रातकाल 2 बजकर 54 मिनट पर
मकर संक्रांति का महा पुण्य काल– 15 जनवरी को प्रभात 7 बजकर 15 मिनट से प्रभातकाल 9 बजे तक
मकर संक्रांति का पुण्य काल– 14 जनवरी को प्रभातकाल 7 बजकर 15 मिनट से सायंकाल 5 बजकर 46 मिनट तक