नई दिल्ली। जहा एक ओर पूरा देश एकजुट हो कर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के लिए न्याय मांग रहे है। वही कुछ महीनों पहले पालघर में हुए दो साधुओं की निर्मम हत्या पर कोई एक्शन नहीं लिया था। हालांकि अब महाराष्ट्र पुलिस नेहलफनामा दायर किया है। लेकिन महाराष्ट्र पुलिस ने सीबीआई जांच की मांग का विरोध किया है। महाराष्ट्र पुलिस ने कहा कि,” याचिका खारिज होने के साथ याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए। राज्य CID गहन जांच के बाद पहले ही दो चार्जशीट दायर कर चुकी है। इन चार्जशीट को भी कोर्ट में जमा कराया गया है।”
पुलिस ने कहा कि,”अपराध को रोकने में / ज़िम्मेदारी के निर्वहन में जिनकी लापरवाही पाई गई, उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच गई। विभागीय जांच में दोषी पाए गएअस्सिटेंट पुलिस इस्पेक्टर आनंदराव शिवाजी काले को सर्विस से बर्खास्त किया गया है।
बता दे कि 6 अगस्त की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस से इस मामले में दायर चार्जशीट मांगी थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में इस मामले के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की ब्यौरा भी मंगा था।
वकील शशांक शेखर झा ने साधुओं के रिश्तेदारों जूना अखाड़ा के साधुओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में CBI /NIA जांच की मांग की गई है।
इसके साथ ही आज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि इस घटना की सीबीआई जांच की मांग हम पहले भी कर चुके हैं और आज फिर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, “साधु-संत कहीं भी असुरक्षित नहीं हैं, विशेषकर उत्तर प्रदेश में तो बिल्कुल भी असुरक्षित नहीं हैं। अगर साधु सुरक्षित नहीं हैं, तो महाराष्ट्र में। पालघर में जिस तरह से साधुओं को दौड़ा-दौड़ा कर मारा गया, ऐसी घटना और किसी भी प्रांत में नहीं हुई।”