इंदौर। बेहतर शिक्षा प्राप्त करना भारत के हर नागरिक का अधिकार है, क्योंकि एक शिक्षित समाज एक बेहतर राष्ट्र का निर्माण करता है शिक्षा में भेदभाव नहीं होना चाहिए यह समाज के हर वर्ग को समान रूप से मिलना चाहिए ताकि समाज का कोई भी तबका इससे वंचित ना रहे। शहर में शिक्षा की बेहतरी के लिए इन विचारों के साथ शहर के प्रतिष्ठित आई सर्जन डॉ. आरएस माखीजा ने इंदौर शहर मैं बेहतर शिक्षा देने के लिए यह संकल्प लिया। इसके लिए उन्होंने इंडो फ्रेंड्स फाउंडेशन ट्रस्ट की स्थापना की ।उनके इस संकल्प को पूरा करने के लिए उनके साथ डॉ रमेश बदलानी और डॉ. अरुण पटवा जुड़े जो अभी भी सर्जन के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सवाल. महाराजा ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के इन सभी कॉलेज की स्थापना कब हुई
जवाब. उन्होंने 1984 में गुरुहरकिशन पब्लिक स्कूल सीबीएसई बोर्ड की स्थापना की इस स्कूल में कक्षा बारहवीं तक शिक्षा प्रदान की जा रही है। इसके पश्चात महाराजा रणजीत सिंह कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल साइंसेज की शुरुआत खंडवा रोड पर 1994 में की गई। लड़कियों की बेहतर शिक्षा के लिए माता गुजरी कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज की स्थापना 1997 में की गई। इसी कड़ी में 2008 में महाराजा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की शुरुआत उनके द्वारा की गई। तब से लेकर आज तक शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्र में उन्होंने कई आयाम स्थापित किए है। सरकार द्वारा अलग-अलग समय पर मध्यप्रदेश में कॉलेज की फैकल्टी, एजुकेशन सिस्टम, इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर सर्वे करवाए गए जिसमें लगातार 5 सालों से यह ग्रुप नंबर वन पर है। ग्रुप को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से भी नवाजा गया है।
सवाल. महाराजा ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन और महाराजा रणजीत सिंह कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल साइंसेज मैं किस क्षेत्र में शिक्षा दी जाती है
जवाब. महाराजा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस कैंपस में एमसीए और एमबीए के विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाती है। वहीं कैंपस में स्थित महाराजा रणजीत सिंह कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल साइंसेज कॉलेज में बी कॉम, बीएससी, माइक्रोबायोलॉजी, बायो टेक्नोलॉजी, बीएससी कंप्यूटर साइंस, बीसीए, बीबीए, एमकॉम, एमएससी के कई क्षेत्रों के साथ अन्य सब्जेक्ट में शिक्षा दी जाती है। इस कॉलेज की बिल्डिंग की खासियत यह है कि यह अमृतसर की खालसा यूनिवर्सिटी का मिनिएचर है। शहर में बायो टेक्नोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के नए कोर्स लाने का श्रेय भी इसी संस्थान हो जाता है।
सवाल. शिक्षा के साथ क्या बच्चों के बेहतर रोजगार को भी सुनिश्चित किया जाता है
जवाब.बच्चों के बेहतर रोजगार को सुनिश्चित करने के मकसद से महाराजा ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के सभी कॉलेज के प्लेसमेंट सेल में कई कंपनी हिस्सा लेने पहुंचती है। जो बच्चों को उनके कैलीबर के आधार पर कंपनी उन्हें जॉब देती है। जिसमें मास्टर प्रोग्राम में 9 लाख तक के सालाना पैकेज पर नौकरी ऑफर की जाती है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट को भी 2 लाख से लेकर 6 लाख तक के ऑफर कंपनी द्वारा दिए जाते है। जिसमें बंधन बैंक, एचडीएफसी, वहीं हाइक एजुकेशन, बायजुस, ऑटमोबाइल्स की कंपनी और अन्य देश की बड़ी फर्म इसमें हिस्सा लेकर स्टूडेंट्स को जॉब ऑफर करती
सवाल. कॉलेज की फैकल्टी की शिक्षा के क्षेत्र में योग्यता क्या है
जवाब. शिक्षा के साथ समझौता नहीं करते हुए स्टूडेंट्स को बेहतर शिक्षा देने के मकसद से कॉलेज में 97 प्रतिशत फैकल्टी डॉक्टरेट है। वहीं अन्य फैकल्टी इस प्रोग्राम को कर रहे हैं। कॉलेज द्वारा स्टूडेंट्स की पर्सनैलिटी डेवलपमेंट, डिजिटल मार्केटिंग और कई अन्य कोर्स चलाए जाते हैं। इन कोर्स को बहुत कम दरों पर कॉलेज द्वारा संचालित किया जाता है। इसके साथ स्टूडेंट्स को इन कोर्स के सर्टिफिकेट प्रदान किए जाते हैं
सवाल. क्या शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के मानसिक विकास और खेलों पर भी ध्यान दिया जाता है
जवाब. ग्रुप के सभी कॉलेज में बच्चों के मानसिक विकास के साथ साथ उनके शारीरिक विकास पर भी काफी ध्यान दिया जाता है। जिसमें बड़े खेलों के साथ साथ स्टूडेंट्स वॉलीबॉल, खोखो, शूटिंग और अन्य प्रतियोगताओं में यूनिवर्सिटी लेवल पर पार्टिसिपेट करते हैं। ग्रुप के कॉलेज परिसर में क्रिकेट के लिए बड़े ग्राउंड है। इसके साथ कॉलेज में स्विमिंग पूल, बास्केटबॉल कोट, और अन्य गेम्स के लिए ग्राउंड और अन्य सुविधाएं मौजूद है। कॉलेज के नाम स्पोर्ट्स में कई नेशनल और इंटरनेशनल कीर्तिमान हासिल है। कॉलेज में जल्द स्टूडेंट्स के लिए क्रिकेट अकैडमी की भी शुरुआत की जाएगी।कॉलेज मैं एडमिशन परसेंटेज के आधार पर किया जाता है। कई स्टूडेंट्स बाहर के राज्यों और शहरों से है। उनकी रहने और खाने की व्यवस्था के लिए ग्रुप के कॉलेज द्वारा हॉस्टल फैसिलिटी भी दी जाती है। जहां पर कम दरों में स्टूडेंट्स को बेहतर सुविधा दी जाती है।
सवाल. लड़कियों को बेहतर शिक्षा देने के मकसद से माता गुजरी कॉलेज की शुरुआत कैसे हुई
जवाब.एक बेहतर समाज की कल्पना तब की जा सकती है जब देश की बेटियां शिक्षित हो वह शिक्षा के रास्ते अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा सके इसी को ध्यान में रखते हुए रियायत दरों पर शिक्षा देने के मकसद से माता गुजरी कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज की स्थापना 1997 में डॉ. आर एस मखीजा द्वारा की गई। उनके विजन पर लड़कियों को शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में भी शिक्षा प्रदान की जाती है ताकि वह भविष्य में अपने अधिकारों के लिए खड़ी रह सके।
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सवाल. लड़कियों के लिए शिक्षा के साथ-साथ क्या और कोई अन्य प्रोग्राम भी चलाए जाते हैं
जवाब. लड़कियों को रियायत दरों पर बेहतर शिक्षा देने के मकसद से शुरुआत हुए इस कॉलेज में बहुत ही कम फीस पर लड़कियों को शिक्षा दी जाती है। इसी के साथ लड़कियों को बेहतर कंपनी में प्लेसमेंट भी करवाया जाता है। कॉलेज में लड़कियों की अवेयरनेस को लेकर कई प्रोग्राम भी करवाए जाते हैं जिनमें शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टर उन्हें शारीरिक समस्याओं के बारे में मार्गदर्शन देते हैं। साथ ही लड़कियो का समय समय पर हेल्थ चेकअप भी करवाया जाता हैं। इसी के साथ लड़कियों के लिए सेल्फ डिफेंस एक्टिविटी भी कॉलेज में करवाई जाती है ताकि
किसी परिस्थिति में वह अपनी आत्मरक्षा कर सकें
कॉलेज में कॉमर्स, बीसीए, बीए, बीकॉम, बीएससी, बीएससी बायोटेक्नोलॉजी, एमएससी, कंप्यूटर साइंस और अन्य प्रकार के कोर्स उपलब्ध है। यूजी कोर्स के साथ-साथ कॉलेज में पीजी कोर्स भी पढ़ाए जाते हैं जिसमें एमएससी बायोटेक्नोलॉजी, एमएससी माइक्रोबायोलॉजी और अन्य कोर्स शामिल हैं। बच्चों का एजुकेशन पूरा होने पर उन्हें बेहतर कंपनी में प्लेसमेंट भी दिलवाया जाता है जिसके लिए कॉलेज प्लेसमेंट सेल में देश के नामी-गिरामी कंपनियां हिस्सा लेकर बच्चों को हायर करती है। जिसमें एनआईएसएम कोटक , फिक्की, टुटेजा, नवकार फाइनेशियल, मोक्ष प्राइवेट लिमिटेड, यश टेक्नोलॉजी और अन्य बड़ी कंपनिया हिस्सा लेती है।शहर के मध्य राजीव गांधी स्क्वेयर पर स्थित इस कॉलेज में लड़कियों के लिए हॉस्टल फैसिलिटी भी मौजूद है। जहां पर शहर के आसपास के कस्बों से आई हुई लड़कियां रहकर अपनी पढ़ाई करती है हॉस्टल में लड़कियों की सुरक्षा के लिए फीमेल वार्डन और फीमेल स्टाफ है।
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सवाल. डॉ आरएस माखीजा ने मेडिकल फील्ड की पढ़ाई किस क्षेत्र में और कहां से कंप्लीट की
जवाब. शहर में शिक्षा के नए आयाम स्थापित करने वाले डॉक्टर आरएस माखीजा ने अपनी एमबीबीएस और एमएस इन ऑप्थोमोलॉजिस्ट की पढ़ाई शहर के प्रतिष्ठित एमजीएम मेडिकल कॉलेज से पूरी की। उन्होंने एमजीएम हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं भी दी इसके बाद वह यूरोप चले गए वहां पर उन्होंने इंग्लैंड, नीदरलैंड के कई बड़े अस्पतालों में अपनी सेवाएं दी है। उन्होंने श्रीलंका में यूएन के मिशन पर काम भी किया है। उन्हें समाज सेवा के लिए कई पुरस्कार और मेडल से नवाजा भी गया है। वह शहर में माता गुजरी अवार्ड से समाज में बेहतर कार्य कर रही महिलाओं को सम्मानित भी करते हैं। इसी के साथ वह कॉलेज में स्कॉलरशिप तो देते ही हैं वहीं कई बार फ्रीशिप भी स्टूडेंट को प्रदान कर दी जाती है अगर बात आंकड़ों की की जाए तो डॉक्टर माखीजा 50 लाख से ज्यादा की फीस हर साल जरूरतमंदों के लिए माफ कर देते हैं।