महाकुंभ के दौरान मकर संक्रांति के अवसर पर पहले शाही स्नान में संतों समेत 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखाड़ों, मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस, स्वच्छता कर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों, धार्मिक संस्थाओं, नाविकों और महाकुंभ से जुड़े केंद्र एवं प्रदेश सरकार के सभी विभागों का धन्यवाद करते हुए प्रदेशवासियों को बधाई दी।
सीएम योगी ने मंगलवार शाम सोशल मीडिया पर अपने संदेश में कहा कि आस्था, समानता और एकता का प्रतीक ‘महाकुंभ-2025, प्रयागराज’ में पवित्र ‘मकर संक्रांति’ के अवसर पर संगम में आस्था की डुबकी लगाने वाले सभी पूज्य संतगणों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं का दिल से अभिनंदन। पहले अमृत स्नान पर्व पर 3.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और संतों ने त्रिवेणी में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। वहीं, मुख्यमंत्री योगी गोरखपुर से महाकुंभ के हर पल की जानकारी लेते रहे, और उनके निर्देश पर डीजीपी प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद समेत अन्य अधिकारियों ने मेले की व्यवस्थाओं पर निगरानी रखी।
श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक होगा महाकुंभ
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके देर रात से ही भीड़ नियंत्रण की निगरानी की जा रही है। रात के समय थर्मल इमेजिंग के माध्यम से क्राउड कंट्रोल किया गया, जबकि दिन के समय टीथर्ड ड्रोन और सीसीटीवी से ट्रैफिक की निगरानी की जा रही है। घाटों की लंबाई ज्यादा होने के कारण संगम नोज पर इस बार ज्यादा दबाव नहीं देखा जा रहा है। पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं से संवेदनशीलता के साथ पेश आ रहे हैं। इसके अलावा, श्रद्धालु अब प्रयागराज के साथ-साथ चित्रकूट, विंध्यवासिनी धाम, वाराणसी और अयोध्या की ओर भी जाएंगे। इन रास्तों पर श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए हमने पूरी व्यवस्था की है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हर जगह कैमरों की निगरानी
प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन 3.50 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर पल की जानकारी ले रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस आयोजन को डिजिटल महाकुंभ के रूप में स्थापित करने की अपेक्षा जताई थी। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए, मेला क्षेत्र की पूरी निगरानी कैमरों से की गई है। गूगल लोकेशन, यूपीआई और अन्य सुविधाओं का उपयोग करते हुए इसे डिजिटल रूप देने का प्रयास किया गया है। भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक मैनेजमेंट, खोया-पाया लोकेशन जैसी सेवाओं में एआई और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल किया गया है।