भस्मासुर के प्रकोप से बचने के लिए सतपुड़ा की इस गुफा में छुपे थे महादेव, सिंदूर चढ़ाने की है मान्यता

Shivani Rathore
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MP Tourism : मध्यप्रदेश में आज भी ऐसी कई ऐतिहासिक जगह है, जो कई हजारों साल पुरानी है। ऐसी ही एक जगह मध्यप्रदेश के सतपुड़ा में हजारों साल पुरानी है, इसमें भगवान शिव भस्मासुर के प्रकोप से बचने के लिए इस गुप्त स्थान में छिपे थे। इस गुफा का गुप्त स्थान आज भी सतपुड़ा की हरी-भरी पहाड़ियों पर बना हुआ है। यहां दूर-दूर से पर्यटक घूमने के लिए आते है।

कठिनाइयों से भरा है इस गुफा का रास्ता

यह रहस्यमयी गुफा मध्यप्रदेश के सतपुड़ा में मौजूद है, जो आज भी हजारों साल पुरानी है। इस गुफा तक जाने के लिए कई जोखिम भरे रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है, तब पर्यटकों को इस गुप्त स्थान के दर्शन होते है। इतना ही नहीं बल्कि चढ़ाई करते समय कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, क्योकि इस गुफा में जाने के लिए काफी घने जंगलो के बीच से होकर जाना पड़ता है, जिसमे रास्ते में कई जंगली जानवर भी मिल सकते है। इसलिए कई लोग इस गुफा तक नहीं पहुंच पाते है।

सिंदूर चढ़ाने की है मान्यता

इस गुप्त का स्थान का उल्लेख शिवपुराण में भी किया गया है। इस वजह से यहा की मान्यता काफी ज्यादा है। माना जाता है कि यहा सिंदूर चढ़ाने की मान्यता है, जिससे भगवान शिव प्रसन्न होते है। दरअसल भस्मासुर से बचने के लिए भगवान शिव ने अपने ऊपर सिंदूर का लेप लगा लिया था, जिससे भस्मासुर उन्हें पहचान नहीं सकें, इसलिए आज भी वहा शिव का अभिषेक सिंदूर से किया जाता है।

सतपुड़ा के घने जंगलो पर है गुफा

पौराणिक कथाओं के अनुसार यह गुफा नर्मदापुरम जिले के इटारसी से 18 किमो दूर स्थित सतपुड़ा के घने जंगलो पर स्थित है। इस गुफा में शिवलिंग प्राचीन समय से रखा हुआ है, क्योकि भस्मासुर से बचने के लिए भोलेनाथ एक लिंग के रूप स्थापित हुए थे। इस गुप्त गुफा में सिंदूर चढ़ाने की मान्यता है, जिससे भोलेनाथ प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूरी करते है, यह परम्परा सदियों से चली आ रही है।