भोपाल : कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिये राज्य शासन द्वारा जन-भागीदारी के साथ संचालित अभियानों एवं नवाचारों के सु-परिणामों से एक बार फिर मध्यप्रदेश पूरे देश में मॉडल बन कर उभरा है। कोरोना जैसे अदृश्य शत्रु से लड़ने में जो रणनीति मध्यप्रदेश में अपनाई गई, उसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी सराहा है और अन्य प्रान्तों को इसका अनुसरण करने के लिये भी कहा है।
आज की स्थिति में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्यप्रदेश में कोरोना के नियंत्रण एवं व्यवस्थाओं के लिये किये जा रहे नवाचारों तथा प्रदेश में जन-सहयोग से हो रहे समन्वित प्रयासों से कोरोना संक्रमण की स्थिति को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया है। मध्यप्रदेश की कोरोना पॉजिटिविटी दर जो 1 मई को 20.3 प्रतिशत थी, आज 19 मई को घटकर 6.96 प्रतिशत हो गई है। एक्टिव केसेस की संख्या के हिसाब से मध्यप्रदेश 21 अप्रैल को देश में 7वें नंबर पर था। आज की स्थिति में बेहतर सुधार के साथ प्रदेश 15 वें नंबर पर आ गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना जैसी घातक बीमारी से एक जुट होकर जो लड़ाई लड़ी गई उसमें सभी वर्गों की सहभागिता रही है। यह कार्य अकेले शासन स्तर पर नहीं किया जा सकता था। इस बात को ध्यान में रखते हुए अनेक ऐसे कार्यक्रम और नवाचार किये गये जिससे समाज के हर वर्ग ने सक्रिय भूमिका निभाई। इसी का परिणाम है कि हम प्रदेश में संक्रमण की चेन को तोड़ने में सफल रहे हैं। राज्य शासन द्वारा निरंतर बढ़ाई गई उपचार की व्यवस्थाओं में समाज सेवी संगठन भी स्व-प्रेरणा से सहयोग के लिये आगे आये। अनेक जिलों में सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से सर्व सुविधायुक्त कोविड केयर सेंटर बन कर तैयार हुए। वे साथ ही कई जिलों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे जीवनदायी उपकरण भी उपलब्ध करवाये गये।
मध्यप्रदेश के लिये यह खुशी का प्रसंग है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के कुशल नेतृत्व में कोरोना जैसी भयानक विपत्ति के समय प्रदेश की जनता सामूहिक रूप से राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। प्रदेश में ‘मैं भी कोरोना वॉलेंटियर्स’ अभियान ने जन-आंदोलन का रूप ले लिया। देखते ही देखते एक लाख से अधिक कोरोना वॉलेंटियर्स स्व-प्रेरणा से काम करने आगे आये। इन्होंने शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जिस जिम्मेदारी के साथ अपना दायित्व निभाया है, वह तारीफे काबिल है।
गाँव-गाँव में कोरोना संक्रमण से बचाव का संदेश देना, ग्रामीणों को वैक्सीन का महत्व बताना और उसके लिये प्रेरित करना, जरूरतमंदों को भोजन कराना, मरीजों के उपचार में सहयोग करना और जिला प्रशासन के साथ मिलकर कोरोना गाईड लाईन का पालन कराने जैसे महत्वपूर्ण कार्य किये गये, जो अभी भी जारी हैं। प्रदेश की अधिकांश ग्राम पंचायतों ने स्व-प्रेरणा से निर्णय लेकर सभी गाँवों में जनता कर्फ्यू लगाया। ग्रामीणों द्वारा लिये गये इस महत्वपूर्ण संकल्प से अनेक गॉव ऐसे हैं, जिनमें कोरोना प्रवेश ही नहीं कर पाया।
उपचार की व्यवस्थाओं के साथ राज्य सरकार ने दिन प्रति दिन कोरोना टेस्टिंग के प्रतिशत को भी बढ़ाया। दिनांक 18 मई को रिकार्ड 72 हजार 756 टेस्ट किये गये। मुख्यमंत्री श्री चौहान का कहना है कि कोरोना टेस्ट हर नागरिक का अधिकार है। जो भी चाहेगा उसका नि:शुल्क टेस्ट कराया जाएगा। एग्रेसिव टेस्टिंग के लिये शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल टेस्टिंग यूनिट भी कार्य कर रही है। साथ ही शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चलाये जा रहे किल कोरोना अभियान-3 में घर-घर जाकर सर्वे का कार्य किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के सर्वे में सुपरवाईजरी टीम ने संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर 2 लाख 56 हजार 793 को मेडिकल किट प्रदान की गई और 5,687 व्यक्तियों को कोविड केयर सेन्टर एवं 47 हजार 131 संदिग्ध व्यक्तियों को फीवर क्लीनिक रेफर किया गया।
अभियान में 3,040 पॉजीटिव प्रकरणों का चिन्हांकन हुआ। शहरी क्षेत्र में ‘किल कोरोना अभियान-3’ के तहत लगभग 2 करोड़ 12 लाख जनसंख्या का सर्वे लक्षित किया गया हैं, 872 कोविड सहायता केन्द्र स्थापित किए गए हैं। इन कोविड सहायता केन्द्रों पर एक लाख 16 हजार 146 संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर 85 हजार 299 को मेडिकल किट प्रदान की गई हैं और 21 हजार 219 संदिग्ध व्यक्तियों को फीवर क्लीनिक रेफर किया गया हैं। अभियान में 1,911 पॉजीटिव प्रकरणों का चिन्हांकन हुआ है।
संक्रमण से मुक्त होने वालों की संख्या में प्रतिदिन हो रही वृद्धि
राज्य शासन के समन्वित प्रयासों, प्रबंधन एवं चिकित्सकीय सुविधाओं की बढ़ोत्तरी से प्रतिदिन स्वस्थ और संक्रमण मुक्त होने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इससे प्रदेश का रिकवरी रेट 87.66 प्रतिशत तक पहुँच गया है। प्रदेश में एक दिन में जितने लोग स्वस्थ हुए हैं, उनमें से 82.2 प्रतिशत ऐसे मरीज हैं जो होम आइसोलेशन में और 4.4 प्रतिशत ऐसे मरीज हैं जो कोविड केयर सेंटर में थे। इस प्रकार 86.6 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं जो अस्पताल जाये बिना होम आइसोलेशन और कोविड केयर सेंटर में ही स्वस्थ हो रहे हैं। शेष 13.4 प्रतिशत मरीज अस्पतालों से संक्रमण मुक्त होकर सकुशल अपने घर पहुँचे हैं।
मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना
मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में प्रदेश के शासकीय अस्पतालों और कोविड केयर सेन्टर में प्रदेश का कोई भी नागरिक भर्ती होकर निःशुल्क इलाज करा सकता हैं। इस कम्पोनेन्ट के तहत आज दिनांक की स्थिति में 15 हजार 112 मरीज उपचाररत् हैं। प्रदेश के चार जिलों इन्दौर, भोपाल, देवास और उज्जैन के प्राइवेट चिकित्सा महाविद्यालय के अस्पतालों में अनुबंधित बिस्तरों पर प्रदेश का कोई भी नागरिक भर्ती होकर निःशुल्क उपचार करा सकता हैं। अभी इस कम्पोनेन्ट के तहत 2396 मरीज उपचाररत् हैं। आयुष्मान से सम्बद्ध समस्त अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड की पात्रता रखने वाले परिवार के सभी सदस्यों का निःशुल्क उपचार किया जा रहा हैं। इस कम्पोनेन्ट के तहत 5,037 मरीज उपचाररत् हैं। कोविड-19 उपचार करने वाले 603 निजी चिकित्सालयों में से 188 निजी चिकित्सालय आयुष्मान योजना से पूर्व से सम्बद्ध हैं। निजी चिकित्सालयों के आयुष्मान से संबद्ध होने के 333 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिसमें से 262 को सम्बद्ध भी किया जा चुका हैं।
पोस्ट कोविड केयर की भी पूरी व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री चौहान की रणनीति कोरोना से स्वस्थ होने तक ही नहीं है, अपितु पोस्ट कोविड केयर की भी पूरी व्यावस्था प्रदेश में की जा रही है। ब्लैक फंगस ‘म्यूकॉरमाइकोसिस’ जैसी जानलेवा बीमारी जिसका इलाज अत्यंत खर्चीला है, के उपचार की नि:शुल्क व्यवस्था की जा रही है। जिन मरीजों में पोस्ट कोविड कॉम्पलिकेशन हैं, उनके उपचार एवं देखभाल के लिये कुछ कोविड केयर सेंटर्स को पोस्ट कोविड केयर सेंटर्स के रूप में भी इस्तमाल किया जा रहा है। प्रदेश के 52 जिलों में 374 कोविड केयर सेंटर्स प्रारंभ किये जा चुके हैं, जिनमें मंद लक्षणों वाले रोगियों को रखा जा रहा है। इनमें वर्तमान में कुल 22 हजार 745 बेड्स हैं। इनमें 3525 ऑक्सीजन बेड्स स्थापित किए गए हैं।
संवेदनशील अभिभावक की भूमिका में मुख्यमंत्री श्री चौहान
प्रदेश की लगभग 8 करोड़ जनता के लिये सदैव अभिभावक की भूमिका में रहने वाले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना संकट काल में गरीब एवं जरूरतमंदों के लिये प्रदेश का खजाना खोल दिया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना संक्रमण से प्रभावित ऐसे परिवारों के प्रति पूरी संवेदनशीलता अपनाई, जिनके परिवार में कमाने वाला और पालन-पोषण करने वाला सदस्य जीवित नहीं बचा। ऐसे परिवारों के लिये अभिभावक की भूमिका निभाते हुए मुख्यमंत्री ने पाँच हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दिये जाने का निर्णय लिया। प्रदेश में गरीब परिवारों को तीन माह का नि:शुल्क राशन दिया जा रहा है। प्रदेश के 6 लाख 10 हजार शहरी पथ विक्रेताओं के खाते में 61 करोड़ की राशि अंतरित की गई। संबल योजना के 16 हजार 844 हितग्राहियों के खातों में 379 करोड़ रूपये की अनुदान राशि का अंतरण किया गया। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में 75 लाख किसानों के खातों में 1500 करोड़ रूपये अंतरित किये। प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया तथा सहरिया वर्ग की 2 लाख 18 हजार 593 महिलाओं को 21 करोड़ 85 लाख 93 हजार रूपए की पोषण आहार अनुदान राशि अंतरित की गई। प्रदेश के 27 लाख 35 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को 191 करोड़ 44 लाख रूपये की पारिश्रमिक राशि अंतरित की गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तेंदूपत्ता संग्राहकों को संबल योजना में शामिल करने की घोषणा भी की है।
कर्मचारियों के हितैषी मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कोविड-19 संकट काल में कर्मचारियों के हित में दो महत्वपूर्ण घोषणाएँ करते हुए मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना और मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना भी लागू की है। मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना समस्त नियमित स्थाईकर्मी, कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले, दैनिक वेतन भोगी, तदर्थ, संविदा, कलेक्टर दर, आउटसोर्स के रूप में कार्यरत शासकीय सेवकों के लिए लागू की गई है। योजना के अंतर्गत इन सेवायुक्तों की कोविड संक्रमण से मृत्यु होने पर उनके परिवार के पात्र एक सदस्य को उसी प्रकार के नियोजन में अनुकम्पा नियुक्ति दी जाएगी। मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना में राज्य में कार्यरत समस्त, नियमित, स्थाईकर्मी, दैनिक वेतन भोगी, तदर्थ, संविदा, आउटसोर्स, अन्य शासकीय सेवक/सेवायुक्तों की कोविड-19 के कारण आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को तात्कालिक आर्थिक सहायता के रूप में 5 लाख रूपए की अनुग्रह राशि दी जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना महामारी के काल में जन-जागृति का धर्म निभा रहे प्रदेश के प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और डिजिटल मीडिया के सभी अधिमान्य या गैर-अधिमान्य मीडियाकर्मी और संपादकीय विभाग के कर्मचारियों तथा इनके परिवार के सदस्यों के कोरोना से प्रभावित होने पर उनका नि:शुल्क उपचार करवाने का निर्णय भी लिया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मीडिया साथियों के परिवार के कोरोना इलाज की चिंता भी सरकार करेगी।