मप्र मानव अधिकार आयोग ने सीहोर समेत पांच मामलों में लिया संज्ञान, संबंधित अधिकारियों से मांगा जवाब

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मप्र मानव अधिकार आयोग ने शुक्रवार, 17 फरवरी 2023 के सभी दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार ‘‘फैली अव्यवस्थाओं से भोपाल-इंदौर हाईवे पर 27 किलोमीटर जाम, कुबेरेश्वर धाम में भगदड़ जैसे हालात‘‘ व अन्य कई शीर्षकों से प्रकाशित सभी समाचारों का अवलोकन कर घटना पर स्वयं संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने प्रकरण क्र. 1240/सीहोर/2023 दर्जकर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, सीहोर से निम्न पांच बिन्दुओं पर अगले एक सप्ताह में तथ्यात्मक प्रतिवेदन मांगा है :-

(01) कुबेरेश्वर धाम में किये जा रहे आयोजन/कार्यक्रम के संबंध में आयोजकों द्वारा किस सीमा तक अनुमानित संख्या व अन्य व्यवस्थायें किये जाने के संबंध में जानकारी देते हुए लिखित में अनुमति चाही गई थी ?
(02) अनुमति के आवेदन पर विचार कर जिला प्रशासन, सीहोर द्वारा अपने प्रशासनिक अनुभवों का उपयोग करते हुए ऐसे अयोजन में कितनी अनुमानित संख्या, प्रथम दृष्टया पाते हुए अनुमति देते हुए, ऐसे स्थल पर आ रहे व्यक्तियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य व अन्य जीवन की मूल आवश्यकताओं की उपलब्धता को सुनिश्चित किया गया था ?
(03) आयोजन स्थल के पास स्थित राज्य राजमार्ग पर निर्बाध यातायात के साथ ही कार्यस्थल के आसपास यातायात, पार्किंग आदि के संबंध में आयोजकों द्वारा बतायी गई अनुमानित संख्या और जिला प्रशासन द्वारा अनुमानित संख्या के आधार पर क्या व्यवस्था की गई थी ?
(04) कार्यक्रम के प्रथम दिवस में ही बतायी गई सारी व्यवस्थाएं लगाये गये अनुमानों से अत्यधिक संख्या में व्यक्तियों और वाहनों के आने से अनियंत्रित होने से व्यक्तियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को संभालने के लिए समाधान के क्या प्रयास किये गये हैं ?
(05) कार्यक्रम के प्रथम दिवस ही की गई व्यवस्थाओं से कई गुना अधिक संख्या में व्यक्ति और वाहनों के आने से अनियंत्रित हुए ऐसे वातावरण/परिस्थितियों को ठीक करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा क्या वैधानिक कार्यवाही की गई है ? क्योंकि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और ऐसे कार्यक्रमों को इसी अनुरूप कर सकने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार भी लोक व्यवस्था तथा ऐसी विषम परिस्थितियों को नियंत्रित करने के लिए उपलब्ध वैधानिक प्रावधानों के अधीन ही संविधान में मान्य किये हैं। यहां तक कि ऐसी व्यवस्था को सदाचार और स्वास्थ्य के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए ही मान्य किया गया है।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, सीहोर से कहा है कि उपरोक्त सभी बिन्दुओं पर सभी आवश्यक दस्तावेजात सहित अगले एक सप्ताह में तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत करें, जिससे ऐसे आयोजनों में जिला प्रशासन की भूमिका स्पष्ट हो सके और व्यक्ति को प्राप्त मौलिक और मानव अधिकारों का भी उचित संरक्षण हो सके। आयोग द्वारा कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक सीहोर को फैक्स के माध्यम से सूचना-पत्र (नोटिस) भेजा गया है।

टीचर ने मासूम को किया बैड टच, विरोध करने पर पीटा

मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के बैरागढ थानाक्षेत्र स्थित शासकीय कन्या विद्यालय में तीसरी कक्षा में अध्ययनरत् नौ साल की एक मासूम बालिका से छेड़छाड़ के मामले में संज्ञान लिया है। घटना छह फरवरी की है। बच्ची ने परिजनों को बताया कि उसके साथ मारपीट हुई हैै। परिजनों ने कारण पूछा, तो बच्ची ने बताया कि स्कूल के टीचर धर्मेन्द्र जैन उसे बैड टच किया था। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की। बच्ची टीचर के डर के स्कूल जाने से भी डर रही थी। मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर 15 दिन में प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने पुलिस कमिश्नर से कहा है कि क्रमशः पंजीबद्ध प्रकरण की जानकारी, अनुसंधान में अबतक की गई कार्यवाही, पीड़िता के साथ विशेषज्ञ से कराई गई काउंसिलिंग और उसकी सुरक्षा के साथ आरोपी के विरूद्ध पुलिस एवं विद्यालय स्तर पर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन भी भेंजे।

छात्रा को मनचला करता था परेशान, छात्रा ने स्कूल जाना किया बंद

मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के शारदा नगर, नारियलखेड़ा निवासी बारहवीं कक्षा में पढ़ रही 17 वर्षीया छात्रा को एक मनचले द्वारा परेशान किये जाने के कारण पीड़िता के डिप्रेशन में चले जाने, घर से निकलना छोड़ देने और साथ ही स्कूल जाना तक छोड़ देने के गंभीर मामले में संज्ञान लिया है। मनचले युवक ने पीड़िता छात्रा को किसी और से बात करते देखा, तो छात्रा की जमकर भी पिटाई कर दी थी, उसे चोट भी आई पर डर के कारण उसने परिजनों को बताया था कि सीढ़ियों से गिरने के कारण उसके चेहरे पर चोट आई है। बहरहाल, पुलिस आरोपी युवक की तलाश कर रही है। मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

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‘खाकी की करतूत‘ पिस्टल की नोंक पर व्यापारी को बनाया बंधक, छीने साढ़े पांच लाख रूपये

मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के कोलार थाने के दो पुलिसकर्मियों और उसके दो साथियों द्वारा पिस्टल की नोंक पर अड़बाजी कर एक कारोबारी को अगवा कर लेने और उससे साढ़े पांच लाख रूपये छीन लेने के मामले में संज्ञान लिया है। कारोबारी ने गृह मंत्री-डीजीपी व पुलिस कमिश्नर से गुहार लगाई, तो पुलिसकर्मियों ने तीन लाख रूपये लौटाकर कारोबारी से शिकायत वापस ले लेने को कहा। दोषी पाये जाने पर दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ कोलार थाने में मामला भी दर्ज कर लिया गया है। दोनों पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के लिये पुलिस प्रयास कर रही है। मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

कचरे से आ रही बदबू, रहवासी हो रहे परेशान

मप्र मानव अधिकार आयोग ने नर्मदापुरम शहर के ट्रेंचिंग ग्राउण्ड में कचरे का पहाड़ बन जाने और कचरे के ढेर से निकलने वाली बदबू से रहवासियों के परेशान होने के मामले में संज्ञान लिया है। इस इलाके में रह रहे लोगों के अनुसार कचरे की बदबू दूर तक फैलती है। ऐसे में घरों से बाहर निकलने में भी दिक्कत होती है। प्रतिदिन नर्मदापुरम शहर से करीब 40 टन कचरा ट्रेंचिंग ग्राउण्ड पहुंचता है। कचरा इतना फैल जाता है, कि सड़क ही ट्रेंचिंग ग्राउण्ड बन गई है। वर्तमान में कुछ कचरा पिट की मदद से रिसायकल किया जा रहा है, फिर भी कचरे का पहाड़ कम नहीं हो रहा। मामले में आयोग ने कलेक्टर, नर्मदापुरम से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।