Madhya Pradesh : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिस्टिंग सेरेमनी में की ओपनिंग, बोले प्रदेश में बढ़ रहा निवेश

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और देश की अर्थव्यवस्था में मध्य प्रदेश का योगदान भी 2026 तक 550 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। एमपी का सकल घरेलू उत्पाद इस साल 19.67 प्रतिशत की दर से बढ़ा है और राज्य तेज गति से निवेश आकर्षित कर रहा है।

यह बात मुख्यमंत्री ने मुंबई में आयोजित ‘मध्य प्रदेश में निवेश के अवसर’ कार्यक्रम में कही। इससे पहले मुख्यमंत्री चौहान ने बीएसई में ‘एमपी की एमएनसी’ कही जाने वाली कंपनी इंफोबीन्स टेक्नोलॉजी के शेयरों की लिस्टिंग भी की।

सीएम चौहान ने कहा कि कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 5,000 अरब डॉलर यानी 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया है। यह तब हासिल होगा, जब हर राज्य अपना योगदान देंगे। इसलिए मध्य प्रदेश भी 2026 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में 550 अरब डॉलर यानी लगभग 11 प्रतिशत का महत्वपूर्ण योगदान देगा।

 

इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमने एक योजना बनायी है और निवेश आकर्षित करना इस योजना का एक हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने उद्योग संगठन ‘सीआईआई’  द्वारा आयोजित ‘मध्य प्रदेश में निवेश के अवसर’ कार्यक्रम में निवेशकों से राज्य में निवेश के लिए आगे आने को कहा। यह आयोजन दो दिन के वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन से पहले किया गया है। मध्य प्रदेश की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट ‘इन्वेस्ट मध्य प्रदेश-2023’ अगले साल 11 व 12 जनवरी को इंदौर में आयोजित होगी।

दुनिया में परचम लहराती एमपी की कंपनियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश की कंपनियां आज दुनिया भर में अपना परचम लहरा रही हैं। इंफोबीन्स टेक्नोलॉजी इसका बड़ा उदाहरण है। वर्ष 2,000 में एक गैरेज से शुरू हुई इंफोबीन्स आज 1600 से अधिक कार्यबल के साथ दुनिया में 13 स्थानों पर परिचालन कर रही है। ‘एमपी की एमएनसी’ के नाम से लोकप्रिय इंफोबीन्स अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, यूएई और ऑस्ट्रेलिया में अमेजन, एमेक्स, फोक्सवैगन, मेटा, एएलएम सहित 350 से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान कर रही है।

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इंफोबीन्स की बीएसई में लिस्टिंग के मौके पर एमपी के औद्योगिक नीति और निवेश मंत्री राजवर्धन सिंह दातीगांव, प्रधान सचिव संजय कुमार शुक्ला, इंफोबीन्स के सह-संस्थापक सिद्धार्थ सेठी और अविनाश सेठी भी उपस्थित थे।