आचार्य श्री के सानिध्य में 20 साल बाद मना भगवान महावीर स्वामी का मोक्ष कल्याणक

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इंदौर। दिगम्बर जैन समाज के सबसे बड़े संत आचार्य श्री 108 विद्या सागर जी महाराज के सानिध्य में 20 साल बाद इंदौर में भगवान महावीर स्वामी का मोक्ष कल्याणक पर्व मना। यह जानकारी देते हुए मीडिया प्रमुख राहुल सेठी ने बताया की 15 नवम्बर को भगवान का मोक्ष कल्याणक पर्व मनाया गया। इस अवसर पर निर्वाण लाड्डु अर्पित किए गए। 20 साल बाद इंदौर में आचार्य श्री का इंदौर में चातुर्मास हुआ है। चातुर्मास का निष्ठापन 15 नवम्बर को हुआ। दिगम्बर जैन धर्म अनुसार चातुर्मास के दरमियान चार माह तक जैन मुनि और माता जी एक सीमा के बाहर विहार नहीं करते है। आचार्य श्री का इंदौर में मंगल प्रवेश 5 जनवरी 2020 को बड़े ही धूमधाम से हुआ था।

प्रवेश के बाद से लेकर अब तक निरंतर अनेक सोगात शहर को आचार्य श्री के सानिध्य में मिली है। इसमें मंगल प्रवेश वाले दिन इंदौर दिगम्बर जैन समाजजन ने इतिहास रचा था, एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा भव्य अगवानी की गयी थी। एक साथ एक ही स्थान पर १३ मंदिर का पंचकल्याणक हुआ, आचार्य श्री के प्रवेश के बाद सबसे बडा आयोजन एक साथ एक ही स्थान 13 मंदिर का पंचकल्याणक का हुआ था। संभवतः मध्य प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था, की एक साथ एक ही स्थान पर इतने मंदिर का पंचकल्याणक हुआ। तिलक नगर में यह आयोजन हुआ था। इस बड़े आयोजन में सोधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य सचिन जैन उद्योगपति परिवार को मिला था।

विद्या सागर एक्सप्रेस से की 1251 यात्रियों ने सम्मेद शिखर जी की यात्रा
दिगम्बर जैन सामाजिक संसद इंदौर युवा प्रकोष्ठ द्वारा गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में 21 जनवरी से 28 जनवरी तक आचार्यश्री 108 विद्यासागर एक्सप्रेस के नाम से स्पेशल ट्रेन से सम्मेद शिखर जी की यात्रा निकाली गयी थी। इस यात्रा में 1251 यात्रियों ने यात्रा की थी। इंदौर से पहली बार स्पेशल ट्रेन से शिखर जी की यात्रा हुई थी।

पीले पाषाण के बड़े मंदिर का इंदौर को मिला सौभाग्य
बाल ब्रह्मचारी सुनिल भैया जी ने बताया की आचार्यश्री के इंदौर प्रवेश के बाद सबसे बड़ी सौगात 2 बड़े मंदिर की मिली है। सांवेर रोड स्थित रेवती रेंज में बन रही प्रतिभा स्थली पर 225 फ़ीट का सर्वोदभद्र जिनालय का निर्माण होगा। इस जिनालय में 324 प्रतिमा विराजित होगी। इसी तरह 126 फ़ीट ऊँचा सहस्त्रकूट जिनालय का निर्माण होगा। इस जिनालय में 1008 प्रतिमा विराजित होगी, जिन्हें स्थापित करने का सोभाग्य 1008 परिवार को मिलेगा। ये दोनों मंदिर पीले पाषाण से मनाए जाएंगे। इन पर आकर्षक कलाकृति उकेरी जाएगी। यह दोनो मंदिर प्रदेश में अनोखे मंदिर होंगे जिनकी उम्र हज़ारो साल की रहती है।

आचार्य श्री के सानिध्य में ये भी आयोजन हुए
– क़ोरोना महामारी से बचाव के लिए निरंतर काडा वितरित किया गया।
– लाकडाउन के समय भोजन के पेकेट वितरित किए गए।
– प्रतिभा स्थली पर 1600 बालिकाओं का छात्रावास की शुरुआत की गयी।
– आवासा कालोनी में 5000 वर्गफ़िट का पाषाण के मंदिर के निर्माण के लिए शिलान्यास किया गया। इस मंदिर का निर्माण एक ही परिवार द्वारा किया जाएगा।
– विजय नगर में पाषाण के मंदिर के निर्माण के लिए शिलान्यास किया गया।