195 में इंदौर नहीं
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इसका मतलब साफ है
हाई कमान इंदौर सीट
को बदलना चाहता है
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5.47 लाख वोटों से
जीती गई इंदौर की
सीट पर कोन आएंगे
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पार्टी को मिले तीन टास्क
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▪️ सभी 29 सीट
जितना, अभी भाजपा
के पास हे 28 सीट
▪️ प्रदेश के 65 हजार
बूथों के हर बूथ पर
370 + वोट बढ़ाना
▪️ वोट शेयर 10%
बढ़ाना यानी 51 से
61% तक पहुंचाना
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हम पांच – सीएम के साथ
▪️ वीडी शर्मा
▪️कैलाश विजयवर्गीय
▪️नरेंद्र सिंह तोमर
▪️प्रहलाद पटेल
▪️राकेश सिंह
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🌺 विपिन नीमा 🌺
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इंदौर। तीन दिनों के मंथन के बाद भाजपा हाई कमान ने लोकसभा चुनाव के लिए 195 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में मप्र की 24 सीटों के प्रत्याशियों के नाम भी शामिल है। प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल इंदौर सीट को होल्ड पर रखकर यह पार्टी हाईकमान ने नया चेहरा उतारने का संकेत दिया है। इंदौर के सांसद शंकर लालवानी के मामले में राजनैतिक विशेषज्ञों का मानना है की लालवानी को बदलने के लिए है इंदौर को होल्ड पर रखा गया है। लालवानी को टिकट देना होती तो उनका नाम भी पहली सूची में ही शामिल हो जाता । फिलहाल इंदौर से कौन होगा, इसका खुलासा आगामी दिनों होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक मेंं होगा। बताया गया है की पार्टी हाईकमान की तरफ से मुख्यमंत्री को तीन बड़े टास्क मिले है इसमें मप्र में सभी 29 सीटे जीतना, प्रदेश के हर बूथ पर 370 वोट तथा 10 प्रतिशत वोट शेयर बढ़ाना तथा शामिल है। चुनाव में मुख्यमंत्री को पार्टी के पांच नेताओं का सहारा मिलेगा।
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आंकड़े कहते है कांग्रेस
को शून्य का खतरा
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2014
🪷 भाजपा ✋🏽 कांग्रेस
▪️ 27 सीट’ ▪️2 सीट
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2019
🪷 भाजपा ✋🏽 कांग्रेस
▪️ 28 सीट ▪️ 1 सीट
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2024
🪷 भाजपा ✋🏽 कांग्रेस ▪️ ? ▪️ ?
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चुनाव की रणनीति में
सीएम को मिलेगा पांच
बड़े नेताओं का सहारा
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मप्र के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के लिए यह चुनाव किसी अग्नि परीक्षा देने से कम नहीं हे। अभी तक तो 18 सालों तक प्रदेश की कमान संभालने और मामा के नाम से चर्चित पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने दम पर भाजपा को हर चुनाव जिताते आ रहे थे , लेकिन इस बार प्रदेश की सभी 29 में से 29 सीटे जीताने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के कंधों पर रहेगी। शिवराज अपने चुनाव में व्यस्त होने के कारण सीएम मोहन यादव को अपने वरिष्ठ नेताओं कैलाश विजयवर्गीय, नरेंद्र सिंह तोमर, वीडी शर्मा, प्रहलाद पटेल राकेश सिंह का सहारा मिलेगा।
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मजबूत रणनीति के
साथ मैदान संभालना
पड़ेगा मुख्यमंत्री को
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वर्तमान में भाजपा के पास 28 सीट है। पार्टी को तीन बड़े टास्क पर काम करना होगा – पहला प्रदेश की सभी सीट जीतना , दूसरा प्रदेश के कुल 65 हजार बूथों के हर बूथ पर 370 वोट बढ़ाना और तीसरा 10 प्रतिशत वोट शेयर बढ़ाना यानी 51से बढ़ाकर 61% करना है। मुख्यमंत्री को अपनी रणनीति के अनुसार काम करना होगा। जितनी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री के कंधों पर है उससे ज्यादा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी पर भी रहेगी। पटवारी को कुछ करके दिखाने के लिए कमलनाथ और दिग्विजयसिंह की मदद लेना पड़ेगी। मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी दोनों के लिए एक जैसी स्थिति है।
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आखिरकार हाईकमान
ने इंदौर की सीट को क्यों
रखा होल्ड पर
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शनिवार की रात को भाजपा ने 195 सीटों के लिए प्रत्याशियों के चयन की पहली सूची जारी की है, जिसमें मप्र की 24 सीट भी शामिल है। इंदौर जैसी हाईप्रोफाइल संसदीय सीट को होल्ड पर रखने से इंदौर के दावेदारों के बीच हलचल पैदा कर दी। इंदौर सीट होल्ड पर आने से 5.47 लाख वोटों से पिछला चुनाव जीतने वाले सांसद शंकर लालवानी का नाम खतरे में आ गया है। एक बात साफ है की अगर शंकर लालवानी को रिपीट करना होता तो पार्टी पहली सूची में ही उनके नाम का ऐलान कर देती, इंदौर की सीट के लिए कुछ लोचा तो हुआ है। इंदौर से कौन चुनाव लड़ेगा यह तो चुनाव समिति की बैठक में जारी दूसरी सूची से पता चलेगा। ऐसी पूरी संभावना दिख रही है की इंदौर से चौंकाने वाला नाम आ सकता है। जो नाम चल रहे है उनमें शंकर लालवानी, कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, जीतू जिराती और दिव्या गुप्ता शामिल है।
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