भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को गुरुवार शाम को नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। समाचार एजेंसियों द्वारा साझा किए गए दृश्यों में 96 वर्षीय भाजपा नेता को अपने काफिले के साथ अपोलो अस्पताल से बाहर निकलते हुए दिखाया गया है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में रात भर रहने के बाद छुट्टी मिलने के कुछ दिनों बाद बुधवार रात को आडवाणी को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। अपनी बेटी प्रतिभा आडवाणी के साथ 90 वर्षीय आडवाणी को रात करीब 9 बजे अस्पताल लाया गया। अस्पताल के एक सूत्र के हवाले से बताया कि उन्हें न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में भर्ती कराया गया था। अपोलो अस्पताल के एक सूत्र ने आज बताया, कल रात अस्पताल में भर्ती होने के बाद आज उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। फिलहाल वे न्यूरोलॉजी विभाग में डॉक्टरों की एक टीम की निगरानी में हैं।
लालकृष्ण आडवाणी की राजनितिक जीवन
8 नवंबर, 1927 को अविभाजित भारत के कराची में जन्मे आडवाणी भारतीय राजनीति में एक कद्दावर व्यक्ति थे। उन्होंने 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़कर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी, जहां उन्होंने प्रचारक के रूप में काम किया था।1951 में वे आरएसएस की राजनीतिक शाखा भारतीय जनसंघ (BJS) में शामिल हो गए और लगातार इसके पदों पर चढ़ते गए। 1980 में जनता पार्टी के विघटन के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) का गठन हुआ, जिसके प्रमुख संस्थापकों में से एक आडवाणी थे। अटल बिहारी वाजपेयी के साथ आडवाणी ने बीजेपी की विचारधारा को आकार देने और पूरे भारत में इसके आधार का विस्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।