MP में महंगी हो सकती हैं शराब! नई आबकारी नीति पर जल्द लगेगी मुहर, पुराना सिस्टम होगा खत्म

srashti
Published on:

MP Excise Policy 2025-26 : मध्य प्रदेश में आबकारी नीति 2025-26 में कई अहम बदलाव किए जा रहे हैं। सरकार ने शराब लाइसेंस फीस में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की है। इसके साथ ही, इस बार शराब दुकानों की नीलामी का तरीका भी बदला जाएगा। पिछले वर्ष की तरह ग्रुप में नीलामी की बजाय अब सिंगल दुकानों की नीलामी की जाएगी। यदि लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी होती है, तो इसका सीधा असर शराब की कीमतों पर पड़ेगा। आबकारी नीति में इन बदलावों पर मुहर लग चुकी है, और उम्मीद है कि अगले हफ्ते इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी।

शराब से 16,000 करोड़ का राजस्व लक्ष्य

सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार ने शराब से करीब 16,000 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शराब दुकानों के लाइसेंस शुल्क में 20 प्रतिशत की वृद्धि की जा रही है। पिछली बार 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी, और 3,600 शराब दुकानों की नीलामी नवीनीकरण, लॉटरी और ई-टेंडर के माध्यम से की गई थी। इस बार, शराब लाइसेंस शुल्क में वृद्धि से सरकार को अपेक्षित राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी।

सिंगल दुकान नीलामी से बढ़ सकती है परेशानी

मध्य प्रदेश सरकार ने 2022 में शराब की दुकानों की नीलामी में बदलाव किया था, जिससे बड़े ठेकेदारों की मोनोपॉली को खत्म किया जा सके। पहले बड़े ग्रुप्स में नीलामी की जाती थी, लेकिन अब सरकार सिंगल दुकानों की नीलामी करने की योजना बना रही है। इस बदलाव से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, जो प्रमुख दुकानें हैं, उन पर ठेकेदारों का ध्यान केंद्रित रहेगा, जबकि कम बिक्री वाली दुकानों पर कोई ध्यान नहीं देगा। सिंगल दुकानों की नीलामी के कारण ठेकेदारों के बीच मनमानी मूल्य निर्धारण हो सकता है, जिससे विवादों की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

मंत्रि-परिषद समिति का गठन

मध्य प्रदेश सरकार ने 2025-26 के लिए आबकारी नीति और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए एक मंत्रि-परिषद समिति का गठन किया है। इस समिति में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, परिवहन और स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, महिला-बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को शामिल किया गया है। इसके अलावा, प्रमुख सचिव वाणिज्यकर समिति के सचिव के रूप में काम करेंगे। इस समिति के द्वारा निर्णय लेने से प्रदेश में शराब नीति में महत्वपूर्ण बदलाव संभव होंगे।