इस देश में शराब हुई अब टैक्स फ्री, इस वजह से लिया गया ये बड़ा फैसला

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इस देश में इससे पहले भी लिकर से रिलेटेड कुछे अहम निर्णय लिए गए थे जैसे कि रमजान माह के बीच दिन में भी लिकर बेचने की भी इजाज़त दी गई थी. कोविड लॉकडाउन के बीच शराब की होम-डिलिवरी भी शुरू की गई थी. दुबई दुनियाभर के टूरिस्ट को आकर्षित करता है. वहां का प्रशासन भी पर्यटकों को प्रभावित करने के लिए काफी प्रयास करता है. नए वर्ष के अवसर पर दुबई (Dubai) प्रशासन ने शराब पर टैक्स और लाइसेंस फीस समाप्त करने की घोषणा भी कर दी है. यह ऐलान दुबई की दो सरकारी शराब कंपनियों (Maritime and Mercantile International) ने की है. ये दोनों कंपनियां Emirates Group का ही पार्ट हैं.

ये ऐलान सत्तारूढ़ अल मख्तूम परिवार के आदेश पर हुआ है. हालांकि अब उसे राजस्व के इस बडे स्रोत से हाथ धोना पडेगा. बता दें दुबई में शराब पर 30 फीसदी टैक्स लगता था. और जो लोग शराब का लाइसेंस लेते थे उन्हें एक तय फीस देनी होती थी.

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पहले भी लिए गए शराब जुड़े कुछ मुख्य फैसले

दुबई प्रशासन की तरफ से इससे पूर्व भी टूरिस्ट को प्रलोभन देने के लिए शराब से रिलेटेड कई अहम निर्णय लिए गए थे. जैसे कि रमजान के महीने के बीच दिन में भी शराब बेचने की आज्ञा दी गई थी. कोविड लॉकडाउन के बीच शराब की होम-डिलिवरी भी शुरू की गई थी.

शराब सेवन का कानून

दुबई कानून के अंतर्गत, शराब का सेवन करने के लिए गैर-मुस्लिमों की उम्र 21 या उससे ज्यादा होनी चाहिए. शराब पीने वालों को दुबई पुलिस द्वारा जारी प्लास्टिक कार्ड लेना होता है जो उन्हें बीयर, शराब और शराब खरीदने, परिवहन और उपभोग करने की परमिशन देता है. प्लास्टिक कार्ड न होने पर पेनल्टी और अरेस्ट होना का पड़ सकता है. शेखों के बार, नाइट क्लब और लाउंज शराब में पीने वाले से संभवतया ही अनुमति की मांग की जाती है, लेकिन लोगों को इससे डर तो लगता ही है.